scriptझालावाड़ स्कूल हादसे पर हाईकोर्ट सख्त, ‘ध्यान देते तो मासूम आज जिंदा होते, हादसे ने उम्मीद और भरोसे को तोड़ा’ | Jhalawar School Tragedy Rajasthan HC Slams Negligence Says Child Could've Lived Hope and Trust Shattered | Patrika News
जयपुर

झालावाड़ स्कूल हादसे पर हाईकोर्ट सख्त, ‘ध्यान देते तो मासूम आज जिंदा होते, हादसे ने उम्मीद और भरोसे को तोड़ा’

झालावाड़ जिले में हुए स्कूल हादसे में सात बच्चों की मौत को राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रशासनिक और संवैधानिक विफलता करार दिया है। स्कूल हादसे ने जान ही नहीं ली, बल्कि उम्मीद और भरोसे को भी तोड़ा है।

जयपुरAug 01, 2025 / 07:18 am

Arvind Rao

Jhalawar School Tragedy

Rajasthan High (Patrika Photo)

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने झालावाड़ स्कूल हादसे में सात बच्चों की मौत को नैतिक, प्रशासनिक और संवैधानिक विफलता करार दिया। यह केवल हादसा नहीं था, उम्मीद और भरोसा भी टूट गया।


बता दें कि प्रथम दृष्टया पीडब्ल्यूडी प्रयोगशाला के निरीक्षण में लापरवाही और घटिया निर्माण सामग्री को जिम्मेदार है। कोर्ट ने केंद्र सरकार, मुख्य सचिव, प्रमुख शिक्षा सचिव, प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक और पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।


पत्रिका में प्रकाशित खबरों से प्रसंज्ञान लिया


न्यायाधीश समीर जैन ने झालावाड़ स्कूल हादसे को लेकर राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित खबरों के आधार पर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया। अधिवक्ता महेंद्र शांडिल्य को न्याय मित्र नियुक्त किया है।


सरकार इतना पैसा खर्च कर रही


कोर्ट ने हादसे को लेकर कहा कि आरटीई में पीडब्ल्यूडी के कनिष्ठ अभियंता या उच्च अधिकारी भवन निरीक्षण के लिए बाध्य हैं। उच्च शिक्षा और स्कूली शिक्षा तथा स्वास्थ्य के लिए सेस वसूला जाता है।

सरकार बजट का छह प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर खर्च कर रही है। हादसे से पहले छात्रों ने छत की खराब स्थिति की जानकारी भी दी, लेकिन उसे अनसुना कर दिया गया और हादसा हो गया।


क्यों न यह आदेश दें


-भवन स्ट्रक्चर का ब्योरा दें।
-भवनों का स्वतंत्र ऑडिट।
-दोषियों पर क्या कार्रवाई की।

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