India-Pak War: अब भी जोश हाई: पाकिस्तान पर गिराए थे 4 बम,चीन से युद्ध में पहुंचाए थे हथियार
चीन-पाक युद्ध के साक्षी रहे पूर्व विंग कमांडर एसएस धनखड़ ने कहा कि एक सैनिक का जीवन तभी सफल होता है, जब उसे युद्ध में जाने का मौका मिलता है। मैं इस मामले में भाग्यशाली हूं।
चीन-पाक युद्ध के साक्षी रहे पूर्व विंग कमांडर एसएस धनखड़
राजस्थान में जयपुर निवासी पूर्व विंग कमांडर एसएस धनखड़ पाकिस्तान के साथ युद्ध को लेकर आज भी बॉर्डर पर जाकर सेवाएं देने को तत्पर हैं। उनका कहना है कि एक सैनिक का जीवन तभी सफल होता है, जब उसे युद्ध में जाने का मौका मिलता है। मैं इस मामले में भाग्यशाली हूं। तीन युद्ध में देश सेवा करने का अवसर मिला। पहले वर्ष 1962 में चीन, 1965 और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में सक्रिय रहा।
पूर्व विंग कमांडर एसएस धनखड़ ने बताया कि वर्ष 1960 में भारतीय वायु सेना में भर्ती हुआ। दो वर्ष बाद चीन से हुए युद्ध में सक्रिय भागीदारी निभाई। उस समय पायलट ऑफिस हुआ करता था। हेलिकॉप्टर से सेना को हथियार व अन्य जरूरी सामग्री पहुंचाने का काम किया। लेह-लद्दाख में सड़क न होने की वजह से जम्मू से हेलिकॉप्टर उड़ते थे। वर्ष 1965 में पाकिस्तान से हुए युद्ध के दौरान मैं पालम में तैनात था। युद्ध सामग्री पहुंचाने और संचालन संबंधी ड्यूटी रही। वरिष्ठ वायुसेना अधिकारियों को ले जाने का काम दिया था।
बमबारी करने का मिला मौका
स्क्वाड्रन लीडर के पद पर कार्यरत रहते हुए मुझे वर्ष 1971 में जब पाकिस्तान से युद्ध हुआ तो मुझे बमबारी करने का अवसर मिला। दो बम पूर्वी पाकिस्तान ( मौजूदा बांग्लादेश) और चार बम पश्चिमी पाकिस्तान (मौजूदा पाकिस्तान) पर गिराए थे। रेलवे यार्ड, महत्वपूर्ण पुल और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। फाइटर विमान से गिराए बम से पाकिस्तान के रेलवे यार्ड और सैन्य ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया गया।
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