मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने चिकित्सा शिक्षा के विस्तार के लिए 5 नए मेडिकल कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र प्रारंभ कर दिए हैं। इस वर्ष टोंक और जैसलमेर के मेडिकल कॉलेज भी विद्यार्थियों के लिए खुलने जा रहे हैं। इससे प्रदेश के युवाओं को चिकित्सा क्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे, वहीं स्वास्थ्य सेवाओं को भी उच्च स्तर की विशेषज्ञता प्राप्त होगी।
उन्होंने बताया कि सरकार का उद्देश्य है कि प्रत्येक जिले और क्षेत्र को चिकित्सा सुविधाओं से यथासंभव सशक्त किया जाए। इसी दिशा में आरयूएचएस अस्पताल को ‘राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS)’ के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसके लिए 700 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ये प्रयास केवल चिकित्सा ढांचे को नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के स्वास्थ्य परिदृश्य को बदलने की दिशा में क्रांतिकारी कदम हैं। चिकित्सा शिक्षा और सेवाओं का यह समन्वय ‘निरामय राजस्थान’ के संकल्प की ओर मजबूत कदम है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने बताया कि चिकित्सकों की सुरक्षा, कल्याण और सेवाओं में पारदर्शिता लाने के लिए भी राज्य सरकार लगातार ठोस पहल कर रही है। भर्तियों और संस्थानों के विस्तार से गांव-ढाणी तक चिकित्सा पहुंच संभव हो रही है।
राजस्थान अब चिकित्सा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में अपनी जगह बना रहा है, और सरकार की दूरदर्शी नीतियों से ‘निरामय राजस्थान’ का सपना जल्द ही साकार होता दिख रहा है।