scriptSI Paper Leak Case: राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई फिर रही अधूरी, इस वजह से अटक गया अंतिम फैसला? | Hearing in Rajasthan High Court in SI Recruitment-2021 paper leak case remained incomplete even today | Patrika News
जयपुर

SI Paper Leak Case: राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई फिर रही अधूरी, इस वजह से अटक गया अंतिम फैसला?

SI Paper Leak Case: राजस्थान हाईकोर्ट में सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती-2021 पेपर लीक मामले की सुनवाई बुधवार को भी अधूरी रही।

जयपुरJul 09, 2025 / 07:03 pm

Nirmal Pareek

SI Recruitment 2021 Paper Leak Case

प्रतीकात्मक तस्वीर (पत्रिका फाइल फोटो)

SI Paper Leak Case: राजस्थान हाईकोर्ट में सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती-2021 पेपर लीक मामले की सुनवाई बुधवार को भी अधूरी रही। जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने सरकार को संपूर्ण नोट शीट पेश करने का निर्देश दिया और सुनवाई को गुरुवार दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। गुरुवार को याचिकाकर्ताओं का पक्ष सुना जाएगा, जिसके बाद कोर्ट अंतिम निर्णय दे सकता है।

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कोर्ट ने सरकार की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए स्पष्ट पूछा कि पूरी नोट शीट क्यों नहीं पेश की गई? इस मामले में कल गुरुवार को अंतिम निर्णय की संभावना है, क्योंकि सरकार का पक्ष सुन लिया गया है और अब याचिकाकर्ताओं की बारी है।
इसी वजह से बुधवार को याचिकार्कताओं का पक्ष पूरा नहीं सुना गया। संभावना है कि गुरुवार को दोनों पक्षों की पूरी दलीलें सुन ली जाएंगी। उसके बाद कोर्ट अपना अंतिम फैसला सुना सकता है। वहीं, संभावना ये भी है कि कोर्ट दोनों पक्षों को सुनने के बाद फिलहाल अपना फैसला सुरक्षित रख ले।

कोर्ट ने RPSC सदस्यों पर उठाए सवाल

इससे पहले हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस समीर जैन ने कहा कि यह कोई साधारण मामला नहीं है। उन्होंने कोचिंग संस्थानों, परीक्षा केंद्रों और RPSC सदस्यों के बीच मिलीभगत के आरोपों को गंभीर बताया। कोर्ट ने याचिका की मेनटेनेबिलिटी और मेरिट दोनों पर विचार करने की बात कही।

बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं हुई- सरकार

वहीं, मंगलवार को सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद और अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने दलील दी कि भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं हुई। जो गड़बड़ियां थीं, उनकी जांच चल रही है और दोषी चयनित अभ्यर्थियों को नौकरी से हटाया जा रहा है। सरकार ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं ने तथ्य छिपाए और बिना आरटीआई के सरकारी दस्तावेज प्राप्त किए, जो संदिग्ध है।
सरकार ने भर्ती रद्द न करने का पक्ष रखा। महाधिवक्ता ने तर्क दिया कि भर्ती में कोई संस्थागत कमी नहीं थी और सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर निर्णय लिया गया।ॉ

याचिकाकर्ताओं का क्या है पक्ष?

वहीं, दूसरी ओर याचिकाकर्ताओं का कहना है कि एसओजी, पुलिस मुख्यालय, महाधिवक्ता और मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने भर्ती रद्द करने की सिफारिश की थी। फिर भी सरकार ने बाद में अपना रुख बदल लिया, जिस पर कोर्ट ने सवाल उठाए।
चयनित अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एन. माथुर ने दलील दी कि भर्ती रद्द करना उन अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा, जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा पास की। उन्होंने कहा कि भर्ती रद्द न करने का निर्णय मुख्यमंत्री स्तर पर लिया गया और इसे याचिका में चुनौती नहीं दी गई। हालांकि, कोर्ट ने इसे गंभीर मामला मानते हुए सभी पक्षों को सुनने का फैसला किया।

SI भर्ती में अब तक घटनाक्रम

एसआई भर्ती-2021 में 859 सब इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर पदों के लिए सितंबर 2021 में परीक्षा आयोजित की गई थी। इस दौरान पेपर लीक और फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप लगे। एसओजी की जांच में 50 से अधिक ट्रेनी सब इंस्पेक्टरों सहित 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई। इसमें राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य रामूराम रायका और बाबूलाल कटारा भी शामिल हैं। जांच में सामने आया कि रायका ने अपने बच्चों को तीनों सेट के प्रश्नपत्र पहले ही उपलब्ध कराए थे।

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