चिराग की 30 सीटों की मांग, 20-25 सीटें मिलने की संभावना
सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान ने अपनी पार्टी के लिए करीब 30 सीटों की मांग की है, लेकिन एनडीए के अंदर उन्हें 20-25 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में लोजपा एनडीए के साथ नहीं थी, ऐसे में इस बार सीटों के बंटवारे में नए सिरे से फॉर्मूला लागू होगा।
बीजेपी-जदयू लड़ सकती हैं 100-100 सीटें
एनडीए के अंदर सीट बंटवारे को लेकर चर्चा में यह बात सामने आई है कि भाजपा और जदयू करीब 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं। बाकी बची सीटें लोजपा (रामविलास), हम (जीतनराम मांझी) और रालोमो (उपेंद्र कुशवाहा) जैसे अन्य सहयोगियों को दी जाएंगी। इससे लोजपा को सीटों का फायदा मिल सकता है, लेकिन हम और रालोमो जैसे दलों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
चिराग पर भाजपा का भरोसा, गठबंधन में कोई संकट नहीं
बीजेपी के शीर्ष सूत्रों का मानना है कि चिराग पासवान गठबंधन में बीजेपी के हिसाब से ही चलेंगे। चिराग पासवान कई बार खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बता चुके हैं। ऐसे में बीजेपी को भरोसा है कि सीटों पर सहमति जल्द बन जाएगी और कोई बड़ा संकट नहीं होगा।
लोकसभा चुनाव फॉर्मूले पर जोर
चिराग पासवान लोकसभा चुनाव में लागू हुए फॉर्मूले को बिहार विधानसभा चुनाव में भी लागू करने की मांग कर रहे हैं। इससे लोजपा को सीटों का फायदा होगा, वहीं बीजेपी और जदयू पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। एनडीए के अंदर इस पर चर्चा जारी है और माना जा रहा है कि जल्द ही सभी दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम सहमति बन जाएगी।
छोटे दलों के लिए बढ़ सकती हैं चुनौतियां
लोजपा की सीटों की मांग बढ़ने से हम और रालोमो जैसे सहयोगी दलों के लिए सीटों की संख्या कम हो सकती है। इसके बावजूद बीजेपी का मानना है कि यह समस्या ज्यादा बड़ी नहीं है और सभी दलों के बीच बातचीत से समाधान निकल जाएगा।
एनडीए से बाहर नहीं जाएंगे चिराग
राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि चिराग पासवान का यह रुख महज सीटों पर दबाव बनाने की रणनीति है और वह एनडीए से बाहर नहीं जाएंगे। उनकी पार्टी बिहार में बीजेपी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी और सीटों पर सहमति बनते ही उम्मीदवारों की घोषणा भी शुरू कर दी जाएगी।