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जयपुर

जब उम्र हार मान गई और हौसला जीत गया: World Hope Day पर राजस्थान के बुजुर्गों की उम्मीद से भरी कहानियां

Rajasthan motivation stories: विश्व उम्मीद दिवस के अवसर पर आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ जज़्बे और जुनून से भरे प्रेरणादायक लोगों की कहानियां, जो हर पीढ़ी के लिए उम्मीद की किरण हैं।

जयपुरJul 12, 2025 / 02:05 pm

JAYANT SHARMA

Photo – Patrika

World Hope Day 2025: सीखने की ललक दिल में हो, तो न उम्र आड़े आती है और न ही हालात। पढ़ाई की राह में उम्र को बाधा मानने वालों के लिए राजस्थान के कई बुज़ुर्गों ने एक नई मिसाल कायम की है। किसी ने अस्सी की उम्र में किताबें उठाईं, तो किसी ने समाज को यह दिखाया कि हौसलों की कोई उम्र नहीं होती। विश्व उम्मीद दिवस के अवसर पर आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ जज़्बे और जुनून से भरे प्रेरणादायक लोगों की कहानियां, जो हर पीढ़ी के लिए उम्मीद की किरण हैं।

मुस्लिम समाज की उम्मीद, घर की जिम्मेदारी के साथ पढाई

अजब दतिया, उम्र 51 वर्ष… डूंगरपुर जिले के गड़ाजसराजपुर इलाके की रहने वाली अजब दतिया ने हाल ही में राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल बोर्ड से 12वीं की परीक्षा 71 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की है। उन्होंने घर की जिम्मेदारियों के साथ पढ़ाई की। अजब बतातीं हैं कि बेटियों की शिक्षा को लेकर उनमें हमेशा एक जुनून रहा है और वे चाहती हैं कि सभी लड़कियां उच्च शिक्षा प्राप्त करें और आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने साबित कर दिया कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। उनके पिता शब्बीर, मां फिजा और पति बुरहानुद्दीन इस सफलता से फूले नहीं समा रहे हैं।
Ajab Datiya


अपनी ही बेटियों से ली प्रेरणा और उठा ली किताबें

विधायक फूलचंद मीणा, उम्र 67 वर्ष… उदयपुर ग्रामीण से तीन बार विधायक फूलचंद मीणा इस उम्र में भी पढ़ाई कर रहे हैं। उनके इस फैसले के पीछे प्रेरणा बनीं उनकी बेटियां। वे बताते हैं कि उन्होंने 50 वर्ष की उम्र में 12वीं पास की और अब एमए अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं। उनका सपना है कि वे पीएचडी करें और अपनी शिक्षा अपने स्वर्गीय सैनिक पिता को समर्पित करें। बेटियां पुरजोर उनकी मदद कर रही हैं।
phool chand meena

उम्र कोई बाधा नहीं, सीख रहे कानून की बारीकियां

सतपाल अरोड़ा, उम्र 81 वर्ष… चित्तौड़गढ़ जिले के प्रतापगढ़ी इलाके के रहने वाले सतपाल अरोड़ा ने 81 साल की उम्र में बैचलर ऑफ लॉ यानी एलएलबी में दाखिला लेकर समाज को एक प्रेरक संदेश दिया। वे क्लास में अपने पोते की उम्र के छात्रों के साथ बैठते हैं। उन्होंने 40 साल पहले एमए किया था, लेकिन अब फिर से पढ़ाई शुरू कर यह दिखाया कि आशाओं की लौ कभी बुझती नहीं है। अपने पोते-पोतियों की उम्र वाले बच्चों के साथ बैठकर वे क्लास एंजाय करते हैं।
Satpal Arora


कई विषयों में डिप्लोमा के साथ कर रहे समाज सेवा

रामनिवास, उम्र 75 वर्ष… कोटपूतली-बहरोड़ के पूर्व तहसीलदार रामनिवास ने इग्नू से एमए, समाजशास्त्र की परीक्षा दी है। इसके साथ ही वे पहले भी ज्योतिष, मानवाधिकार और पर्यावरण विषयों में डिप्लोमा कर चुके हैं। उन्होंने एक कदम गांव की ओरष्, नामक एनजीओ की स्थापना की। जो गांवों में पर्यावरण और सामाजिक सद्भाव पर काम करता है। वे गांवों की दशा सुधारने पर काम कर रहे हैं।
Ramniwas

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