दो बड़ी समस्याओं से करवाया अवगत
अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि राज्य के लगभग सभी सरकारी विश्वविद्यालय दो बड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं- शैक्षणिक पदों की कमी और रिटायर्ड शिक्षकों को समय पर पेंशन का भुगतान न होना। उन्होंने सरकार से इन मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान देने और समाधान निकालने की मांग की है।
शिक्षकों की कमी से पढ़ाई प्रभावित
गहलोत ने अपने बयान में कहा कि राजस्थान के अधिकांश सरकारी विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक पद रिक्त पड़े हैं, जिसका सीधा असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। उन्होंने सरकार पर इस ओर ध्यान न देने का आरोप लगाया। रिक्त पदों के कारण विश्वविद्यालयों में शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है, जिससे छात्रों का भविष्य दांव पर है। गहलोत ने इस समस्या को जल्द से जल्द हल करने की जरूरत पर जोर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने रिटायर्ड शिक्षकों की पेंशन की समस्या को और भी गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि जिन शिक्षकों ने अपना जीवन विद्यार्थियों को ज्ञान देने में समर्पित किया वे वृद्धावस्था में आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। पेंशन न मिलने के कारण ये शिक्षक अपने घर का खर्च चलाने के लिए दूसरों पर निर्भर हो गए हैं। गहलोत ने विशेष रूप से जोधपुर के जैन नारायण व्यास विश्वविद्यालय का जिक्र किया जहां कई रिटायर्ड शिक्षक लंबे समय से पेंशन के लिए धरना दे रहे हैं।
सरकार पर साधा निशाना
गहलोत ने भजनलाल सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इन दोनों मुद्दों शैक्षणिक पदों की कमी और पेंशन भुगतान में देरी पर तत्काल ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह विश्वविद्यालयों की समस्याओं का स्थायी समाधान निकाले ताकि न तो विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो और न ही रिटायर्ड शिक्षकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़े।