बता दें, यह विवाद तब शुरू हुआ, जब बेनीवाल ने जयपुर के शहीद स्मारक से लगातार मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। डांगा ने कहा कि एक चुने हुए जनप्रतिनिधि से मर्यादित व्यवहार की अपेक्षा की जाती है, लेकिन बेनीवाल अपनी हार के बाद से तिलमिलाए हुए हैं और अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।
निम्न स्तर की बयानबाज़ी निंदनीय
उन्होंने बेनीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस की बैसाखियों पर सवार होकर दिल्ली पहुंचे नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा जयपुर के पवित्र शहीद स्मारक से प्रतिदिन माननीय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लेकर की जा रही निम्न स्तर की बयानबाज़ी अत्यंत निंदनीय है। एक चुने हुए जनप्रतिनिधि से अपेक्षा की जाती है कि वह मर्यादा में रहकर जनहित की बात करे, लेकिन जब अहंकार से भरे नेताजी को जनता ने खींवसर में घर बैठा दिया, तभी से वे तिलमिलाकर अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छ लोकतंत्र में एक चुने हुए जनप्रतिनिधि का इस प्रकार तुच्छ और अशोभनीय भाषा का प्रयोग करके सस्ती लोकप्रियता बटोरने का प्रयास, जनता अब भलीभांति समझ चुकी है। सरकारी आवास, जो कि किसी लोकसेवक के लिए कर्तव्यों से जुड़ी अस्थायी व्यवस्था होती है, उसे अपना अधिकार समझकर कब्ज़ा जमाना और फिर नियमों के तहत नोटिस मिलने पर उसे राजनीतिक द्वेष बताना– यह नैतिकता का ढोंग नहीं तो और क्या है?
डांगा ने कहा कि राजनीति में पक्ष-विरोध का अपना स्थान होता है, लेकिन अपने खोए हुए जनाधार के लिए उसी जनता को दोषी ठहराना, जिसने उन्हें 2008 से लगातार वोट दिए हैं, बिल्कुल अनुचित है।
विकास से बौखलाया विपक्ष- डांगा
बीजेपी विधायक ने कहा कि आज राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं माननीय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में गरीब, किसान, महिला, युवा, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हो रहा है; यही देखकर पूरा विपक्ष बौखलाया हुआ है। मैं सांसद महोदय द्वारा मुख्यमंत्री को लेकर की गई अशोभनीय टिप्पणियों की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं।
सरकारी आवास खाली करने का नोटिस
इधर, जयपुर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) और संपदा विभाग ने उन्हें 11 जुलाई तक आवास खाली करने का अल्टीमेटम दिया है। नोटिस केवल बेनीवाल तक सीमित नहीं है, उनके भाई और पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल तथा पूर्व विधायक पुखराज गर्ग को भी इसी तरह का नोटिस जारी किया गया है। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई पूर्व विधायकों द्वारा सरकारी आवास पर अनधिकृत कब्जे के चलते की गई है।
बिजली कनेक्शन कटने से बढ़ी मुश्किलें
हनुमान बेनीवाल की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं। हाल ही में उनके नागौर स्थित निजी आवास का बिजली कनेक्शन 11 लाख रुपये से अधिक के बकाए के कारण काट दिया गया। इस घटना ने उनकी राजनीतिक और व्यक्तिगत मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। डांगा ने बेनीवाल के इस रवैये को ‘नैतिकता का ढोंग’ करार देते हुए कहा कि जनता ने उन्हें 2008 से लगातार समर्थन दिया, लेकिन अब वे उसी जनता को दोषी ठहरा रहे हैं।’