
ऐसे होती देरी… शहरवासी होते परेशान
महारानी फार्म से गुजरने वाली द्रव्यवती नदी पर रपट का काम सात माह से चल रहा है। पहले 25 जून, फिर जुलाई और अब 20 अगस्त तक काम पूरा करने का दावा जेडीए कर रहा है। जबकि, इस रपट से रोज डेढ़ लाख वाहन चालकों को आवाजाही होती थी। यहां से वाहन चालक गुजरते थे, उन सभी की गोपालपुरा हाईलेवल ब्रिज और बी टू बाइपास चौराहे होते हुए आवाजाही हो रही है। जहां डायवर्जन है, वहां पीक आवर्स में एक घंटा ज्यादा लगता है।



जल्द ही ट्रैफिक पुलिस के साथ बैठक करेंगे
सीबीआइ फाटक के पास जगतपुरा पुलिया है। वहीं, सालिगरामपुरा आरओबी के पास एक अंडरपास है और रिंग रोड का भी विकल्प सुगम यातायात के लिए है। वहीं, एलिवेटेड रोड का काम चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। उसी के हिसाब से डायवर्जन किया जाएगा। जल्द ही यातायात पुलिस के साथ बैठक कर रूपरेखा तय करेंगे।-देवेंद्र गुप्ता, निदेशक, अभियांत्रिकी शाखा, जेडीए
टॉपिक एक्सपर्ट: छोटे रास्तें भी तलाशें, उन पर सड़क बनाए
शहर में बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए जेडीए प्रोजेक्ट भी जरूरी हैं। इसके साथ-साथ निर्माण के समय भी लोगों की सुविधा का ध्यान रखा जाना जरूरी है। आमतौर पर ऐसे मार्ग स्वत: ही वैकल्पिक बन जाते हैं, जिन्हें सब जानते हैं। लंबे चलने वाले और बड़े प्रोजेक्ट से पहले एमएनआइटी जैसे संस्थानों से उसके आस-पास वैकल्पिक रास्ते तलाशने की स्टडी करवाई जा सकती है। बड़े मार्गों के साथ छोटे-छोटे विकल्प भी देखने चाहिए। ऐसे रास्तों पर सड़के टूटी हुई हैं या नहीं है तो उन्हें पहले बनाना चाहिए। हाल ही अजमेर रोड पर काम चला तो लोग खेतों में होकर कच्चे रास्तों से निकलते थे।-नेहा खुल्लर, कार्यकारी निदेशक, मुस्कान फाउंडेशन फॉर रोड सेफ्टी