बढ़ती जनसंख्या और बेरोजगारी की वजह से अतिक्रमण की समस्या बढ़ती जा रही है। इसको रोकने के लिए आसपास के लोग, स्थानीय प्रशासन को जैसे ही किसी जगह अतिक्रमण दिखाई दे, तुरंत सूचना देनी चाहिए। अतिक्रमण हटाते समय भी सामाजिक संस्थाओं और सुरक्षा के लिए पुलिस कर्मचारियों को भी साथ लेकर कार्रवाई की जाए। – निर्मला वशिष्ठ, अलवर
बाजारों में बढ़ती अतिक्रमण की समस्या शहरी यातायात, स्वच्छता और जन-सुविधाओं पर गंभीर असर डालती है। इसे दूर करने के लिए बहु-आयामी और स्थायी उपाय जरूरी हैं। प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नगर निगम और पुलिस द्वारा नियमित रूप से निरीक्षण और अतिक्रमण हटाने के अभियान चलाए जाएं। फुटपाथ विक्रेताओं को नियत स्थान (हॉकर्स जोन) प्रदान कर लाइसेंस देना चाहिए। अतिक्रमण हटाने के अभियान राजनीतिक या अन्य दबाव में न रुकें, इसके लिए प्रशासनिक निर्णय दृढ़तापूर्वक लिए जाने की आवश्यकता है।
यदि ये उपाय समन्वय और दृढ़ता से लागू किए जाएं तो बाजारों को अतिक्रमण-मुक्त और अधिक सुचारु बनाया जा सकता है। – संजय निघोजकर, धार
रेहड़ी वालों के लिए पुनर्वास योजनाएं बनाई जाए। इनको व्यवस्थित करके काफी हद तक हालात सुधारे जा सकते है। शहरों में वेंडिंग ज़ोन निर्धारित किए जा सकते हैं, जहां रेहड़ी वाले और छोटे दुकानदार बिना किसी बाधा के अपना व्यवसाय चला सकें। इससे उनकी आजीविका पर भी कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा और बाजार भी व्यवस्थित रहेंगे। – डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर