संस्था का मानना है कि प्रकृति का संरक्षण हमारे धर्म का एक अभिन्न अंग है, और इसी सोच के साथ आज के वृक्षारोपण का मुख्य उद्देश्य जन कल्याण है। शाश्वत महासभा के सदस्यों ने बताया कि जिस तीव्र गति से आज के समय में वृक्षों की कटाई हो रही है, वह भविष्य में मानव जीवन के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकती है। पेड़ों की कमी से पृथ्वी का पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ रहा है, जिससे आने वाले समय में मनुष्य का जीवन पृथ्वी पर अत्यंत कठिन हो जाएगा।
इसी खतरे को समझते हुए, शाश्वत महासभा और ग्रामवासी अधिक से अधिक पेड़ लगाकर पृथ्वी के संतुलन को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस पौधरोपण का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य भविष्य में यज्ञ के लिए समिधाएं प्राप्त करना है। सनातन धर्म में यज्ञ का विशेष महत्व है और इसके लिए शुद्ध और पवित्र लकडिय़ों की आवश्यकता होती है। आज लगाए गए ये वृक्ष भविष्य में इस धार्मिक आवश्यकता को पूरा करने में सहायक सिद्ध होंगे।