CG News: विशेष कोचिंग के माध्यम से गाइडेंस
शिक्षा विभाग, स्कूल प्रबंधन और जिला प्रशासन मिलकर इस मिशन को आकार दे रहे हैं। खास बात यह है कि अब तक सरकारी स्कूलों को रिजल्ट सुधार के लिए प्रेरित किया जाता था, लेकिन
टॉपर्स निकालने का यह पहला ठोस प्रयास है। जिले के सभी स्कूलों को इस मुहिम का हिस्सा बनाया गया है। स्कूल में पढऩे वाले ऐसे बच्चे जो पढ़ाई में विशेष रुचि रखते हैं उनका चयन इस अभियान के लिए किया गया है। उन्हें विशेष कोचिंग के माध्यम से गाइडेंस दिया जा रहा है।
क्या है ‘मिशन 200’
चयनित छात्रों को विषयवार एक्स्ट्रा क्लास और गाइडेंस शिक्षकों को भी विशेष ट्रेनिंग हर माह रिपोर्ट कार्ड के आधार पर प्रगति की समीक्षा सरकारी स्कूल के स्पेशल 200 छात्रों की ट्रैकिंग पढ़ाई का वातावरण, प्रतिस्पर्धा और आत्मविश्वास में सुधार सरकारी स्कूलों को लेकर सोच बदलेगी हरिस एस., कलेक्टर, बस्तर: हमारा प्रयास है कि हम बच्चों को पढ़ाई का बेहतर माहौल दें। यह टॉपर्स गढऩे की तैयारी है। अगर यह मिशन सफल रहा, तो आने वाले वर्षों में सरकारी स्कूलों को लेकर लोगों की सोच बदलेगी।
सरकारी स्कूलों की छवि बदलने की तैयारी
अब तक
बोर्ड परीक्षा के टॉपरों की सूची में निजी स्कूलों का ही दबदबा रहा है। लेकिन इस बार ‘मिशन 200’ से उमीद की जा रही है कि सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी भी उस रेस में शामिल होंगे। इससे एक ओर बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा तो दूसरी ओर सरकारी स्कूलों की छवि भी बदलेगी।
विशेष कोचिंग, मॉडल टेस्ट और निगरानी
CG News: मिशन 200 के तहत चयनित विद्यार्थियों को विशेष कोचिंग, मॉडल टेस्ट, मेंटल मोटिवेशन सेशन, और विषय विशेषज्ञों से मार्गदर्शन दिया जा रहा है। पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों की प्रगति पर नियमित निगरानी भी रखी जा रही है। बच्चों को न केवल शैक्षणिक बल्कि मानसिक रूप से भी मज़बूत किया जा रहा है, ताकि वे परीक्षा में बेहतर कर सकें।