Monsoon rainfall : शहर में इस साल मानसून सारे रिकॉर्ड तोड़ने पर आमादा नजर आ रहा है। सावन माह में काले बादल झूमकर बरस रहे हैं। अभी जुलाई का महीना भी नहीं बीता है और जबलपुर में 25.8 इंच बारिश दर्ज हो चुकी है। जबकि गत वर्ष 25 जुलाई तक 20.8 इंच बारिश हुई थी। भारी बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं। बरगी बांध के सात गेट खोले गए हैं। इससे नर्मदा के तटीय इलाकों में बाढ़ की स्थिति है। शहर में भी कई इलाकों में पानी भर गया है। जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है।
शुक्रवार को भी सुबह से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला रुक रुककर रात तक जारी रहा। कभी बादल झमाझम बरसे तो कभी रिमझिम फुहारों ने भिगोया। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दो दिन तक जबलपुर संभाग सहित पूर्वी मध्यप्रदेश में भारी बारिश होने के आसार हैं। विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। अनुमान है कि इस दौरान 4-5 इंच वर्षा हो सकती है।
Monsoon rainfall
Monsoon rainfall : पारे ने लगाया गोता
शहर में शुक्रवार को भी दिन भर बारिश का सिलसिला जारी रहा। रात तक रिमझिम वर्षा होती रही। अधिकतम तापमान गिरकर 28.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य से 2 डिग्री कम रहा। रात के न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। यह 23.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो सामान्य से एक डिग्री कम था। हवा में नमी 95 फीसदी दर्ज की गई। चौबीस घंटों के दौरान हुई 19.8 मिमी वर्षा के साथ सीजन में कुल वर्षा का आंकड़ा 656.7 मिमी (25.8 इंच ) पहुंच गया।
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Monsoon rainfall : कम दबाव के क्षेत्र के साथ कई सिस्टम बने
मौसम विभाग के अनुसार, मानसून द्रोणिका श्रीगंगानगर, सिरसा, मेरठ, हरदोई, पटना, जमशेदपुर, दीघा से होकर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। बंगाल की खाड़ी के मध्य में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात भी बना हुआ है, जो दक्षिण-पश्चिम दिशा की तरफ झुका हुआ है। एक द्रोणिका दक्षिणी छत्तीसगढ़ से बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र तक बनी हुई है। पूर्वी यूपी पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात और दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में भी एक चक्रवात मौजूद है। बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र 24 घंटे में गहरे कम दबाव के क्षेत्र में बदलने की संभावना है, इससे बारिश की गतिविधियों में और तेजी आएगी।
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