ये है मामला
17 दिसंबर 2024 को सौरभ के ठिकानों पर लोकायुक्त ने छापेमारी की। इसी रात आयकर विभाग को भोपाल के मेंडोरी में कार से 52 किलो सोना व 11 करोड़ नकद मिले। एजेंसी ने संपत्ति सौरभ की बताई। उसके ठिकानों से करोड़ों नकद, दो क्विंटल चांदी की सिल्लियां मिली थीं। बाद में ईडी की इंट्री हुई। ईडी ने सौरभ(Saurabh Sharma Case), मां-पत्नी, दोस्त चेतन गौड़, शरद जायवाल समेत 12 पर केस दर्ज किया। 4 फरवरी से सौरभ न्यायिक अभिरक्षा में है।
500 से 700 करोड़ के बीच काली कमाई
बता दें कि, जांच में परिवहन विभाग से पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की 500 से 700 करोड़ के बीच काली कमाई का पता चला था। इस कमाई को वह हवाला के जरिए सफेद करता था। इसके लिए सौरभ के पास खुद तीन बैंक खाते थे। पत्नी, मां, बिजनेस पार्टनर, रिश्तेदार, फर्मों के नाम 52 खाते अलग-अलग बैंकों में थे। ईडी ने खाते फ्रीज कर दिए गए। बड़ी संख्या में एफडी भी मिली थी। यह खुलासा ईडी की जांच में हुआ। सौरभ, शरद जायसवाल और चेतन गौर को न्यायालय से रिमांड लेने जो रिपोर्ट पेश की, उसमें तीनों की काली कमाई के बारे में बताया। दरअसल, 19 दिसंबर 2024 को सौरभ के भोपाल स्थित आवास पर लोकायुक्त पुलिस का छापा पड़ा था। तब करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ। सौरभ लोकेश सदाशिवन के नाम से हवाला का कारोबार करता था।