script52 किलो सोना और नगदी मेरी नहीं है… सौरभ शर्मा की जमानत पर फैसला सुरक्षित | ex constable Saurabh Sharma said 52 kg gold and cash is not mine, Decision on bail reserved | Patrika News
जबलपुर

52 किलो सोना और नगदी मेरी नहीं है… सौरभ शर्मा की जमानत पर फैसला सुरक्षित

Saurabh Sharma Case: सौरभ की ओर से दलील दी गई कि जब्त की गई पूरी संपत्ति, जिसमें 52 किलो सोना और 11 करोड़ नगदी शामिल है वो उसकी नहीं है।

जबलपुरJul 23, 2025 / 09:54 am

Avantika Pandey

ex constable Saurabh Sharma

Saurabh Sharma (फोटो सोर्स : क्रिएटिव)

Saurabh Sharma Case: परिवहन विभाग के मालदार पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की दो जमानत अर्जियों पर हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई पूरी हो गई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सौरभ को गिरफ्तार किया था। जस्टिस प्रमोद कुमार अग्रवाल की सिंगल बेंच ने अर्जियों पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। सौरभ की ओर से दलील दी गई कि जब्त की गई पूरी संपत्ति, जिसमें 52 किलो सोना और 11 करोड़ नगदी शामिल है वो उसकी नहीं है। प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ईडी ने मामला दर्ज किया था। भोपाल की जिला सत्र न्यायालय ने 24 अप्रेल को सौरभ की जमानत अर्जी निरस्त कर दी थी। इसके बाद वह हाईकोर्ट पहुंचा।

ये है मामला

17 दिसंबर 2024 को सौरभ के ठिकानों पर लोकायुक्त ने छापेमारी की। इसी रात आयकर विभाग को भोपाल के मेंडोरी में कार से 52 किलो सोना व 11 करोड़ नकद मिले। एजेंसी ने संपत्ति सौरभ की बताई। उसके ठिकानों से करोड़ों नकद, दो क्विंटल चांदी की सिल्लियां मिली थीं। बाद में ईडी की इंट्री हुई। ईडी ने सौरभ(Saurabh Sharma Case), मां-पत्नी, दोस्त चेतन गौड़, शरद जायवाल समेत 12 पर केस दर्ज किया। 4 फरवरी से सौरभ न्यायिक अभिरक्षा में है।

500 से 700 करोड़ के बीच काली कमाई

बता दें कि, जांच में परिवहन विभाग से पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की 500 से 700 करोड़ के बीच काली कमाई का पता चला था। इस कमाई को वह हवाला के जरिए सफेद करता था। इसके लिए सौरभ के पास खुद तीन बैंक खाते थे। पत्नी, मां, बिजनेस पार्टनर, रिश्तेदार, फर्मों के नाम 52 खाते अलग-अलग बैंकों में थे। ईडी ने खाते फ्रीज कर दिए गए। बड़ी संख्या में एफडी भी मिली थी। यह खुलासा ईडी की जांच में हुआ। सौरभ, शरद जायसवाल और चेतन गौर को न्यायालय से रिमांड लेने जो रिपोर्ट पेश की, उसमें तीनों की काली कमाई के बारे में बताया। दरअसल, 19 दिसंबर 2024 को सौरभ के भोपाल स्थित आवास पर लोकायुक्त पुलिस का छापा पड़ा था। तब करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ। सौरभ लोकेश सदाशिवन के नाम से हवाला का कारोबार करता था।

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