दरअसल, पाकिस्तान को जो दवाएं भेजी जाती थी। पहले वह इंदौर से अरब देशों के लिए जाती थी। इसके बाद अरब वहां से पाकिस्तान भेजी जाती थी। जिसके कारण पाकिस्तान को सस्ते दामों में दवाइयां उपलब्ध होती थी। पाकिस्तान को बेसिक ड्रग्स की दवाएं सप्लाई होती थी। जो कि सिर दर्द, बुखार, जुकाम, उल्टी-दस्त की होती थी। बाकी देशों की तुलना में पाकिस्तान को ये दवाएं काफी कम दामों में मिलती है।
वहीं, प्रदेश के नीमच, रतलाम ,उज्जैन धार, इंदौर, देवास और बालाघाट से करीब 64 करोड़ रुपए की दवाइयों का कारोबार होता है। जिसमें 60 करोड़ के करीब का निर्यात तो एमपी प्रदेश के बाहर ही करता है। पाकिस्तान को अकेले इंदौर, उज्जैन, रतलाम और धार से 37 करोड़ रुपए की दवाएं भेजी जाती हैं। यह आंकड़ें साल 2024 के हैं।
इधर, बेसिक ड्रग डीलर मर्चेंट्स एसोसिएशन के महासचिव जेपी मूलचंदानी ने बताया कि पाकिस्तान में इंदौर की दवाओं की ज्यादा डिमांड है। इसकी वजह कम दाम और अधिक किफायती होना है। जिसके चलते पाकिस्तान मध्यप्रदेश पर पाकिस्तान दवाइयों के लिए निर्भर है।