इंदौर के युवा इंजीनियर बना रहे ड्रोन
इंदौर के दो युवा इंजीनियर अभिषेक शर्मा और रोशनी शुक्ला की टीम ड्रोन बनाने में जुटी हुई है। इंदौर से बड़ी संख्या में उच्च तकनीक से लैस ड्रोन बॉर्डर के लिए रवाना किए जा रहे हैं। सेना पाकिस्तान से लड़ाई (Operation Sindoor) में इनका इस्तेमाल कर रही है। हालांकि टीम ने देश की सुरक्षा के लिए स्थान के बारे में जानकारी नहीं दी, साथ ही यह भी कहा कि आगे भी ड्रोन को कहां सप्लाय किया गया, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाएगी।
अंधेरे में भी ढूंढ लेगा दुश्मन को
टीम ने नभ रक्षक 1.0, नभ रक्षक 2.0, थर्मल ड्रोन और नभ रक्षक 5.0 ड्रोन तैयार किए हैं। ये ड्रोन हजार फीट की ऊंचाई से भी घने अंधेरे में दुश्मनों को ढूंढ लेने में माहिर हैं। 5 किलो वजन उठाकर 120 किलोमीटर की रफ्तार से 10 किमी सफर आसानी से कर सकते हैं। इन ड्रोन की खासियत यह है कि कोई भी रडार इन्हें नहीं पकड़ सकता।
बॉर्डर पर जाकर सेवाएं देने को भी तैयार
अभिषेक शर्मा ने बताया कि कुछ दिनों पहले एक प्रदर्शनी का आयोजन सेना की ओर से किया गया था। यहां हमारी टीम ने एआइ और हाईटेक तकनीक से लैस ड्रोन और अन्य चीजों का डेमो दिया था। ये ड्रोन फिक्स रेट से पचास प्रतिशत कम पर दिए जा रहे हैं। इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर हम सेना को मुफ्त में भी ड्रोन देने को तैयार हैं। और अगर जरूरत पड़ी और निर्देश मिले तो मौके पर जाकर भी सेवा देंगे।