ये है मामला
समाजसेवी महेश गर्ग ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि बीआरटीएस पर विज्ञापन लगाने के लिए वर्ष 2019 में एनएस पब्लिसिटी को ठेका दिया गया था। पांच साल के इस ठेके की अवधि 2024 में पूरी हो गई लेकिन कोरोना के दौरान कंपनी को ठेके में नुकसान बताते हुए एआइसीटीएसएल अफसरों ने 31 मार्च 2026 तक ठेका बढ़ा दिया था। वहीं राज्य सरकार ने कोरोना में अलग-अलग कामों में लगी हुई एजेंसियों को केवल दो माह छूट दी थी लेकिन एआइसीटीएसएल अफसरों ने राज्य सरकार की नीति से अलग कंपनी ठेका दो साल के लिए बढ़ा दिया था।
कोर्ट को बताया, पुरानी शर्तों के हिसाब से बढ़ा दी टेंडर अवधि
मंगलवार को याचिका को एडमिट किया जाए या नहीं, इस बिंदु पर सुनवाई हुई थी। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील मनीष यादव ने कोर्ट को बताया कि 2019 में हुए ठेके के मुताबिक कंपनी को सालभर में एआइसीटीएसएल को 12.5 करोड़ रुपए चुकाने हैं, इसमें सालाना कुछ वृद्धि होना है। ये ठेका 2024 में समाप्त हो रहा था लेकिन टेंडर खत्म होने के एक साल पहले 1 अप्रैल 2023 को एआइसीटीएसएल अफसरों ने पुरानी शर्तों के हिसाब से ही टेंडर बढ़ा दिया। जबकि वर्तमान में टेंडर होने पर जो राशि मिल रही है, उससे कहीं ज्यादा मिल सकती थी।
हो रहा करोड़ों का नुकसान
कंपनी लगातार इस टेंडर के जरिए कमाई कर रही है, लेकिन एआइसीटीएसएल और निगम को जो पैसा मिलना चाहिए, वो नहीं मिल रहा। वहीं कंपनी निगम को भी टैक्स राशि नहीं चुका रही। ऐसे में निगम और एआइसीटीएसएल को करोड़ों का नुकसान हो रहा है, जिसकी शिकायत भी की गई, लेकिन निगम और एआइसीटीएसएल ने ध्यान नहीं दिया। कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के बिंदु पर अपना फैसला जारी कर दिया है।
ठेका लेने वाली कंपनी को नोटिस जारी
कोर्ट ने विज्ञापन ठेका लेने वाली कंपनी एनएस पब्लिसिटी और एआइसीटीएसएल को नोटिस जारी किए हैं। दोनों से कहा है कि टेंडर अवधि 2 साल के लिए कैसे बढ़ाई, इसको जवाब में स्पष्ट करें। 4 सप्ताह में इसका जवाब देना होगा।