स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ. सुमित्रा यादव ने बताया, महिला छह साल से परेशान थी। उसने कई अस्पतालों में दिखाया। जब वह यहां आई तो गर्भवती की तरह पेट फूला हुआ था। सोनोग्राफी में कुछ गठानें नजर आईं। इसके बाद टीम ने सर्जरी की। दो घंटे तक दस डॉक्टर्स की टीम ने सर्जरी की।
गर्भनिरोधक गोलियां खाने से बढ़ी समस्या
डॉक्टर्स के अनुसार महिला ने गर्भधारण संबंधित गोलियों का लंबे समय तक सेवन किया। इससे भी इतनी सारी गठान होने की आशंका रहती है, जो कभी-कभी शरीर के लिए भी नुकसानदायक रहती है।
देरी होती तो किडनी को था खतरा
ऑपरेशन करने वाली डॉ. विभा मोजस ने बताया, ऑपरेशन में देर होती तो इससे महिला की किडनी व अन्य अंदरूनी अंगों को खतरा हो सकता था। सोनोग्राफी से जांच में तीन गठान डॉक्टर्स को नजर आईं, लेकिन यह 30 के आसपास निकली। टीम में डॉ. विभा मोजेस, डॉ. सुरभि पोरवाल, डॉ. मंजू गांधी, डॉ. श्रावणी, डॉ. झलक अग्रवाल, डॉ. मोनिका गांधी, डॉ. दीपाली बलेचा, भावना सेन, रीना सोलंकी सहित अन्य स्टाफ शामिल रहा।