कथावाचिका सुभद्रा कृष्ण ने श्रोताओं से कहा, सारे संसार का सम्मान करें या न करें, पर जिसके साथ जीवन बिताना है, उसका सम्मान अवश्य करें। बाबा रामदेव मरूधर सेवा संघ हुब्बल्ली की मेजबानी में आयोजित कथा के बीच उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल सुनने से कुछ नहीं होगा, जीवन में उन सीखों को उतरना पड़ेगा तभी कल्याण संभव है।
शिव के वैराग्य की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भोले बाबा संसार की माया से दूर हैं। उनका पूजा का विधान सरल है, एक लोटा जल चढ़ा दो, वे प्रसन्न हो जाते हैं। शिव का प्रेम अनंत और अनादि है। वे सृष्टि के प्रारम्भ से अंत तक सबमें प्रवाहित हैं। कथावाचिका सुभद्रा कृष्ण ने यह भी बताया कि जहां गुरु और भगवान की निंदा हो रही हो, वहां चुप रहना भी पाप का भागी होना है। उन्होंने समझाया, मन पर कभी विश्वास मत करना, मन अत्यंत चंचल है।
उन्होंने कहा कि शिवजी का एक कण भी यदि जीवन में उतर जाए तो जीवन का उद्धार हो जाएगा। कथा के ये अमृतमय विचार श्रोताओं के हृदय में गहरे उतर गए और सभा में श्रद्धा का वातावरण छा गया। कथा के बीच में सीताराम सीताराम कहिए जांई विधि राखे राम…..समेत अन्य भजनों की मनमोहक प्रस्तुति पर श्रोताओं ने भी साथ दिया और सुर में सुर मिलाए।
बाबा रामदेव मरूधर सेवा संघ हुब्बल्ली के सचिव मालाराम देवासी बिठूजा ने बताया कि शुक्रवार को गुजरात समेत अन्य प्रदेशों से भी भक्तगण कथा श्रवण के लिए पहुंचे। सूरत से भाजपा प्रदेश सदस्य कमल कुमार, जीतेन्द्र सिंह एवं निखिल यादव का कथावाचिका ने दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मान किया। देवासी ने बताया कि कथा में बस्तीमल दर्जी, तेजाराम सीरवी, नरपतसिंह राजपुरोहित, पूनम विश्नोई, मोहन देवासी, विजयकुमार अग्रवाल, रामरतन चौधरी, जेठालाल श्रीमाली, खुशाल चौधरी समेत कई भक्तगण उपस्थित थे। आरती के साथ कथा की शुरुआत हुई।