आयुर्वेद के खजाने में पपीते के पत्तों (Papaya Leaf Benefits) को एक खास जगह मिली है। अलवर के आयुर्वेदिक डॉ. भगवत स्वरूप शर्मा बताते हैं कि इनमें एंटीऑक्सीडेंट, पैपेन, क्वेरसेटिन, विटामिन ए, सी और के जैसे ढेरों गुण होते हैं जो हमारे शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं और बीमारियों से लड़ने की शक्ति देते हैं। आयुर्वेद में पपीते के पत्तों (Papaya Leaf Benefits) को तिक्त रस वाला बताया गया है जो शरीर के पित्त को शांत करने में मदद करता है। चरक संहिता और भावप्रकाश निघंटु जैसे हमारे पुराने आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी इन्हें कीटाणुनाशक, सूजन कम करने वाला (शोथहर) और खून साफ करने वाला (रक्त शोधक) बताया गया है।
अब सवाल यह है कि इस अद्भुत पत्ते का सेवन आखिर कैसे करें ताकि हमें इसका सबसे ज्यादा फायदा मिल सके? आइए, डॉ. भगवत स्वरूप शर्मा से जानते हैं कुछ आसान और असरदार तरीके:
Papaya Leaf Benefits : पपीते के पत्तों का रस: प्लेटलेट्स बढ़ाने से लेकर लिवर सुरक्षा तक
पपीते के पत्तों का रस शायद सबसे ज्यादा जाना-माना तरीका है, खासकर जब डेंगू का प्रकोप होता है। बनाने का तरीका: ताजे साफ पपीते के पत्ते लें, उनके डंठल हटा दें और उन्हें मिक्सर में पीसकर रस निकाल लें। सेवन: सुबह खाली पेट 5 से 10 मिलीलीटर (एक से दो चम्मच) रस का सेवन किया जा सकता है।
इसके फायदे:
डेंगू में रामबाण: यह प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने में बेहद मददगार माना जाता है, जिससे डेंगू के मरीज को जल्दी रिकवरी में मदद मिलती है और शारीरिक कमजोरी दूर होती है। लिवर का रक्षक: इसमें मौजूद कैरपा पेन्टिन (Carpaine) और अन्य एल्कलॉइड लिवर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं जिससे लिवर डैमेज और अन्य बीमारियों का खतरा कम होता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की रिसर्च भी बताती है कि इसका नियमित सेवन लिवर फंक्शन को बेहतर कर सकता है और हेपेटाइटिस में भी लाभकारी हो सकता है। पाचन में सुधार: पपीते के पत्तों में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो गैस, अपच और कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्याओं से राहत दिलाता है।
पपीते के पत्तों का काढ़ा: शरीर की अंदरूनी सफाई का नुस्खा
पपीते के पत्तों का काढ़ा शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और दोषों को संतुलित करने में मदद करता है। बनाने का तरीका: पपीते के पत्तों को सुखाकर उनका चूर्ण बना लें। एक चम्मच चूर्ण को दो कप पानी में तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए। सेवन: इस काढ़े का नियमित सेवन शरीर के वात और कफ दोष को संतुलित करता है।
इसके फायदे:
शरीर की गंदगी साफ: यह काढ़ा शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और हार्ट, किडनी व लिवर जैसी महत्वपूर्ण अंगों की बीमारियां दूर रहती हैं। त्वचा के लिए वरदान: यह त्वचा संबंधी बीमारियों का खतरा भी कम करता है, जिससे आपकी त्वचा स्वस्थ और चमकदार बनी रहती है।
किन्हें करना चाहिए पपीते के पत्तों का सेवन?
विशेषज्ञों के अनुसार, इन लोगों को पपीते के पत्तों का सेवन करना विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है: डेंगू से पीड़ित व्यक्ति: प्लेटलेट्स बढ़ाने और रिकवरी में। पाचन तंत्र की कमजोरी से जूझने वाले: कब्ज, अपच, गैस में राहत के लिए। लिवर की बीमारी से पीड़ित: लिवर को सुरक्षित रखने और फंक्शन बेहतर करने के लिए।
त्वचा संबंधी रोगों वाले: मुंहासे, फंगल इन्फेक्शन और घाव भरने के लिए। तो अगली बार जब आप पपीता खाएं, तो उसके पत्तों को फेंकने से पहले एक बार सोच लें। ये छोटे से पत्ते आपकी सेहत के लिए एक बड़ा वरदान साबित हो सकते हैं! लेकिन याद रखें, किसी भी गंभीर बीमारी में घरेलू नुस्खों से पहले हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेना ही समझदारी है।