scriptHeart Attack : जिम शुरू करने से पहले दिल की सेहत के लिए जरूर कराएं ये 5 जांच | 5 tests to reduce the risk of heart attack Before You Start the Gym | Patrika News
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Heart Attack : जिम शुरू करने से पहले दिल की सेहत के लिए जरूर कराएं ये 5 जांच

Heart Attack During Workout : अब जिम सिर्फ बॉडी बनाने की जगह नहीं रह गए हैं बल्कि कई बार हार्ट अटैक जैसी घटनाओं की वजह से चर्चा में भी रहते हैं। अक्सर सुनने को मिलता है कि कोई इंसान वर्कआउट करते वक्त अचानक गिर गया या उसे हार्ट अटैक आ गया।

भारतAug 07, 2025 / 02:00 pm

Manoj Kumar

5 Tests to Reduce the Risk of Heart Attack

Heart Attack : जिम शुरू करने से पहले दिल की सेहत के लिए जरूर कराएं ये 5 जांच (फोटो सोर्स: AI Image@Gemini)

5 Tests to Reduce the Risk of Heart Attack : हाल के वर्षों में जिम सिर्फ बॉडी बनाने की जगह नहीं रह गए हैं बल्कि ये अचानक होने वाली हार्ट अटैक संबंधी घटनाओं के संभावित केंद्र बन गए हैं। वर्कआउट के दौरान दिल के दौरे की खबरें अक्सर सुनने को मिलती रहती है। डॉक्टर फिटनेस पसंद करने वाले लोगों को एहतियाती स्वास्थ्य जांच को गंभीरता से लेने की बात कर रहे हैं खासकर वर्कआउट शुरू करने या उसे तेज करने से पहले।

व्यायाम के दौरान दिल का दौरा क्यों पड़ता है? (Heart Attack During Workout)

अगर धीरे-धीरे और सही तरीके से न किया जाए और अचानक से भारी और जोरदार वर्कआउट ब्लड प्रेशर बढ़ने का कारण बन सकता है। कठिन जिम रुटीन के दौरान ब्लड प्रेशर का बढ़ना स्वाभाविक है लेकिन अगर किसी का दिल पहले से ही कमजोर है या धमनियां अवरुद्ध हैं तो यह वृद्धि खतरनाक हो सकती है। कोरोनरी धमनी रोग, अतालता, या हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी जैसी अज्ञात स्थितियां अक्सर तब तक ध्यान नहीं देतीं जब तक कि शारीरिक परिश्रम से शुरू न हो जाएं। धूम्रपान, खराब खान-पान या अनियंत्रित डायबिटीज जैसी लाइफ स्टाइल की आदतें युवाओं में भी इस जोखिम को बढ़ा देती हैं।

ट्रेडमिल पर दोड़ते हुए आया अटैक

हाल ही में एक बहुत ही दुखद मामला सामने आया जो समय-समय पर सेहत की जांच करवाने की अहमियत को दिखाता है एक दिन सुबह एक आदमी रोज की तरह कार्डियो एक्सरसाइज कर रहा था। लेकिन जैसे ही वो ट्रेडमिल पर दौड़ रहा था अचानक गिर पड़ा। जब तक उसे हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में लाया गया उसका दिल दो बार रुक चुका था। इस घटना से यही सीख मिलती है कि एक्सरसाइज़ करने से पहले अपनी सेहत की सही जांच जरूर करवाएं खासकर अगर आप 30-35 की उम्र पार कर चुके हैं। थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
तमाम कोशिशों के बावजूद उसे होश में नहीं लाया जा सका। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि उसे हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (एचसीएम) के कारण ऐसा हुआ। एक ऐसी स्थिति जिसमें हार्ट की मांसपेशी असामान्य रूप से मोटी हो जाती है जिससे हृदय के लिए रक्त पंप करना मुश्किल हो जाता है। यह एक मूक स्थिति है जिसका एक साधारण स्कैन से आसानी से पता लगाया जा सकता है। अगर समय पर पता चल जाए तो जान बचाई जा सकती है।

जिम जाने वालों के लिए 5 जरूरी जांचें (5 Essential checks for Gym Goers)

अगर आपकी उम्र 30 साल से ज्यादा है। आपके परिवार में हार्ट रोग का इतिहास है या आप कोई नया फिटनेस रूटीन शुरू कर रहे हैं तो ये जांचें बेहद जरूरी हैं।

ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम)

एक बुनियादी लेकिन शक्तिशाली परीक्षण है ईसीजी हृदय के विद्युत संकेतों को रिकॉर्ड करता है। यह अतालता जैसी असामान्यताओं का पता लगा सकता है और अचानक दिल की विफलता के जोखिम का पूर्वानुमान लगाने में मदद कर सकता है। यह दर्द रहित, त्वरित और वर्कआउट शुरू करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक अच्छा बेसलाइन टेस्ट है।

2डी इको (इकोकार्डियोग्राफी)

यह अल्ट्रासाउंड स्कैन हृदय की लाइव तस्वीरें प्रदान करता है, जो इसकी संरचना और कार्य का आकलन करता है। यह एचसीएम, वाल्व विकारों और अन्य हृदय दोषों जैसी स्थितियों का पता लगाने में मदद करता है जो अन्यथा ध्यान नहीं दिए जा सकते हैं।

टीएमटी (ट्रेडमिल टेस्ट या स्ट्रेस टेस्ट)

यह परीक्षण मूल्यांकन करता है कि आपका दिल शारीरिक तनाव में कैसा प्रदर्शन करता है। आपके दिल की गतिविधि की निगरानी करते समय आपको ट्रेडमिल पर चलने या दौड़ने के लिए कहा जाएगा। यह विशेष रूप से अवरुद्ध धमनियों या खराब रक्त प्रवाह को प्रकट करने में उपयोगी है एचएस-सीआरपी और ईएसआर (एरिथ्रोसाइट सेडिमेंटेशन रेट) सूजन हृदय रोग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
ईएसआर सामान्य सूजन को मापता है, जबकि एचएस-सीआरपी हृदय संबंधी सूजन के लिए अधिक विशिष्ट है। उच्च रीडिंग भविष्य में हृदय संबंधी समस्याओं के बढ़ते जोखिम का संकेत दे सकती है।

लिपिड प्रोफाइल + एचबीए1सी

ये टेस्ट दरअसल आपके कोलेस्ट्रॉल और लंबे समय तक की ब्लड शुगर यानी HbA1c को चेक करते हैं। अगर कोलेस्ट्रॉल ज्यादा है या शुगर कंट्रोल में नहीं है, तो ये दिल की बीमारी और स्ट्रोक जैसी बड़ी दिक्कतों की बड़ी वजह बन सकते हैं।
अच्छी बात ये है कि अगर समय रहते पता चल जाए, तो आप डाइट सुधारकर और दवा लेकर इन चीज़ों को कंट्रोल कर सकते हैं। ये टेस्ट कोई लग्ज़री नहीं हैं ये जिंदगी बचाने वाले टेस्ट हैं।
अक्सर लोग सोचते हैं कि ये टेस्ट सिर्फ बूढ़ों या प्रोफेशनल एथलीटों के लिए होते हैं लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। अगर आपकी उम्र 30 से ज्यादा है आप जिम में मेहनत करते हैं या आपके घर में किसी को दिल या शुगर की बीमारी रही है तो एक बार ये जांच जरूर करवाएं। थोड़ा सा ध्यान आज कल को बड़ी परेशानी से बचा सकता है।

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