हार्ट फेल्योर और एड़ियों में सूजन का संबंध
हार्ट फेल्योर का मतलब यह नहीं कि दिल पूरी तरह काम करना बंद कर देता है, बल्कि यह उतनी क्षमता से खून पंप नहीं कर पाता, जितनी शरीर को जरूरत होती है। नतीजा यह होता है कि खून और तरल पदार्थ शरीर के निचले हिस्सों, जैसे पैरों और एड़ियों में जमा होने लगते हैं। - खराब रक्त संचार – दिल कमजोर होने पर पैरों तक रक्त का प्रवाह कम हो जाता है।
- ब्लड वेसल्स में दबाव बढ़ना – इससे तरल पदार्थ बाहर रिसकर ऊतकों में जमा होने लगता है।
- किडनी द्वारा फ्लूइड रोके रखना – जिससे सूजन और बढ़ सकती है।
- गुरुत्वाकर्षण के कारण यह सूजन सबसे ज्यादा पैरों, एड़ियों और टांगों में दिखती है।
ऐसे पहचानें हार्ट से जुड़ी सूजन
- दोनों एड़ियों में समान रूप से सूजन आना
- त्वचा पर दबाने से गड्ढा पड़ना और देर से भरना
- मोजे या जूते तंग महसूस होना
- दिन के अंत तक या लंबे समय तक खड़े रहने के बाद सूजन का बढ़ना
- अगर सूजन सिर्फ एक पैर में है, तो यह चोट या ब्लड क्लॉट जैसी दूसरी वजहों से भी हो सकती है।
हार्ट फेल्योर के अन्य लक्षण
एड़ियों की सूजन के साथ-साथ अगर ये लक्षण भी हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- थोड़ी सी मेहनत या लेटते समय सांस लेने में तकलीफ
- लगातार थकान और कमजोरी
- तेज या अनियमित दिल की धड़कन
- कुछ दिनों में अचानक 2 किलो या उससे ज्यादा वजन बढ़ना
- रात में बार-बार पेशाब आना
- लगातार खांसी या घरघराहट
कैसे होता है निदान?
डॉक्टर सूजन के साथ अन्य लक्षण देखकर हार्ट फेल्योर की जांच के लिए ये टेस्ट करा सकते हैं।शारीरिक जांच और मेडिकल हिस्ट्री
- ब्लड टेस्ट (BNP लेवल, सूजन या ऑर्गन फंक्शन चेक करने के लिए)
- चेस्ट एक्स-रे – फेफड़ों में फ्लूइड या दिल के आकार में बदलाव देखने के लिए।
- इकोकार्डियोग्राम – दिल की पंपिंग और वाल्व की स्थिति जानने के लिए।
- ईसीजी – दिल की धड़कन और इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी जांचने के लिए।