scriptघुटनों के दर्द को न करें इग्नोर, हो सकती है ‘ऑस्टियो आर्थराइटिस’ साइलेंट बीमारी | Do not ignore knee pain, it may be a silent disease called 'osteoarthritis' | Patrika News
ग्वालियर

घुटनों के दर्द को न करें इग्नोर, हो सकती है ‘ऑस्टियो आर्थराइटिस’ साइलेंट बीमारी

MP News: आर्थराइटिस बीमारी महिलाओं में ज्यादा होती है। यह 60 वर्ष के ऊपर की महिलाओं में 60 से 70 प्रतिशत को घुटनों में दर्द की समस्या हो जाती है।

ग्वालियरJul 21, 2025 / 02:09 pm

Astha Awasthi

फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: ऑस्टियो आर्थराइटिस एक साइलेंट बीमारी है, जो धीरे धीरे चुपचाप से आपके घुटने खराब करती रहती है। और एक दिन अचानक आप चल नहीं पाते। आर्थराइटिस बीमारी महिलाओं में ज्यादा होती है। यह 60 वर्ष के ऊपर की महिलाओं में 60 से 70 प्रतिशत को घुटनों में दर्द की समस्या हो जाती है। मालिश और दर्द निवारक दवा इसे रोक नहीं सकती। इस बीमारी में चलते-चलते चाल बिगड़ना, पालती मारकर बैठने में परेशानी होना, पैर टेढ़े पड़ना, सीढ़ी चढ़ने,उतरने में परेशानी होना आदि होता है।

कम करें अपना वजन

यह जानकारी ग्वालियर रीजनल आर्थोपेडिक कॉन्फ्रेंस (जी-रोक) के दूसरे दिन एस दिल्ली के पूर्व प्रोफेसर व प्राइमस सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में ज्वॉइंट नी रिप्लेसमेंट विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर यादव ने दी। उन्होंने बताया, आर्थराइटिस को कंट्रोल करने के लिए आवश्यक है कि अपना वजन कम करें, सिगरेट, शराब बंद करें अपनी मसल्स को मजबूत करें।
घुटनों के दर्द की समस्या के मुख्य कारण, बिगड़ती लाइफ स्टाइल, वजन बढना,पेट बढ़ना, मसल्स मजबूत रखें। प्रोटीन विटामिन सही मात्रा में लें। इस अवसर पर नागपुर से डॉ राजेंद्र चांडक, नागपुर से डॉ गिरीश मोटवानी, इंदौर से डॉ विनय तंतुवे, दिल्ली से डॉ जय शर्मा ने भी कई बातें बताई।

सीआर तकनीकी से किया ऑपरेशन

भिंड के अमाइन ग्राम से आए किसान गंगाराम राठौड़ को घुटनों में लगातार दर्द और चल पाने में समस्या थी। इसे लेकर उनके बेटे लायक राम राठौर ने उन्हें 15 जुलाई को जेएएच के हड्डी वार्ड में भर्ती किया। मरीज गंगाराम का दिल्ली से आए विशेषज्ञ डॉ. सीएस यादव ने टोटल नी रिप्लेसमेंट की अत्याधुनिक चिकित्सा सर्जरी सीआर तकनीकी से ऑपरेशन किया। जिसे कैंसर हॉस्पिटल स्थित सभागार में बैठे लगभग 150 डॉक्टर ने लाइव देखा। और सवाल कर नई चिकित्सा तकनीक सीखी। बेटे लायकराम ने बताया कि उनके पिता अब बिल्कुल ठीक है। उनका ऑपरेशन आयुष्मान कार्ड से बिल्कुल निशुल्क हुआ है।

विदेश से मरीज सर्जरी कराने आते हैं भारत

ग्वालियर के रहने वाले कमलाराजा अस्पताल में जन्मे डॉ हेमंत शर्मा यूके से आए है। उन्होंने बताया, इंडिया के डॉक्टर तकनीकी रूप से काफी आगे चल रहे हैं। विदेश में सर्जरी डॉक्टर्स पर काफी वेटिंग होती है। इसलिए कुछ मरीज सर्जरी कराने इंडिया भी आते हैं। उन्होंने छोटे से चीरे से हड्डी के बड़े ऑपरेशन की तकनीक बताई। इसमें मरीज को दर्द कम होता है। इसके साथ ही मरीज जोड़ो में मूवमेंट भी जल्दी हो जाता है। कॉन्फ्रेंस में उन्होंने जॉइंट प्रेजेंरवेशन सर्जरी की जानकारी देते हुए बताया कि घिसे हुए जोड़ के पार्ट को भी कैसे री-जनरेट किया जा सकता है, ताकि जोड़ों की उम्र बढ़ जाए।

पीजी छात्रों के शोध पत्रों में से वेस्ट पेपर अवॉर्ड दिया

दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस के समापन समारोह में बाहर से आए सभी वरिष्ठ डॉक्टर्स को स्मृति- चिह्न भेंट किए गए। पीजी छात्रों के शोध पत्रों में से वेस्ट पेपर अवॉर्ड दिया। ग्वालियर आर्थोपेडिक सोसायटी के अध्यक्ष डॉ आरएस बाजोरिया ने पूरे कार्यक्रम की गतिविधियों की जानकारी दी। आभार सोसायटी के सचिव डॉ आशीष दुबे ने प्रकट किया। कॉन्फ्रेंस में जीआर मेडीकल कॉलेज के डीन डॉ आरकेएस धाकड़, जीआर मेडीकल कॉलेज के पूर्व डीन व अस्थि रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. समीर गुप्ता, आयोजन समिति के सह सचिव डॉ सुरेन्द्र सिंह यादव आदि उपस्थित रहे।

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