आवास, दुकान और प्लॉट महंगे होंगे
गाजियाबाद जिले में भूमि और आवास खरीदना अब और महंगा हो सकता है। प्रशासन ने सर्किल रेट (Circle Rate) में वृद्धि करने की योजना बनाई है। जो इस बार पांच से दस प्रतिशत तक हो सकती है। सर्किल रेट में वृद्धि के इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में लिया जाएगा। इस प्रस्ताव के अनुसार, संपत्ति की कीमतों में इजाफा होने से न केवल घर और ज़मीन महंगी हो जाएंगी, बल्कि बैनामे (सम्पत्ति हस्तांतरण) के लिए भुगतान की जाने वाली स्टांप ड्यूटी भी बढ़ जाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार, सर्किल रेट में वृद्धि से न केवल संपत्ति का लेन-देन महंगा होगा, बल्कि यह बाजार में दामों को भी प्रभावित करेगा। प्रशासन का कहना है कि यह वृद्धि सरकारी राजस्व को बढ़ाने के उद्देश्य से की जा रही है।
पिछले साल सर्किल रेट में वृद्धि और कोरोना का असर
पिछले साल सितंबर में गाजियाबाद जिले में सर्किल रेट में वृद्धि की गई थी। खासतौर पर कृषि भूमि की सर्किल रेट में दस फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी, जबकि आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों जैसे मकान, दुकान, प्लॉट और फ्लैट के सर्किल रेट में 15 से 20 फीसदी तक की वृद्धि की गई थी। इससे पहले कोरोना महामारी के कारण दो साल तक सर्किल रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी, जिसके बाद प्रशासन ने फिर से रेट बढ़ाने का निर्णय लिया। पिछले साल की सर्किल रेट वृद्धि का सबसे बड़ा असर वेब सिटी और आदित्य वर्ल्ड सिटी जैसी प्रमुख आवासीय परियोजनाओं में देखा गया, जहां रेट में 20 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि की गई थी।
अगले महीने से लागू हो सकता है नया सर्किल रेट
एआईजी स्टांप पुष्पेंद्र कुमार ने जानकारी दी कि जिले में पिछले कुछ सालों से सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं की गई थी। सितंबर 2023 में जब रेट बढ़ाए गए थे, तब उसके बाद से फिर से दरों में बढ़ोतरी का विचार किया जा रहा है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल तुरंत कोई वृद्धि नहीं की जाएगी, लेकिन अगले माह से शहरी क्षेत्र में सर्किल रेट में 5 से 10 फीसदी तक की वृद्धि का प्रस्ताव रखा जाएगा। इस प्रस्ताव पर जिलाधिकारी के निर्णय के बाद नया सर्किल रेट लागू होगा।
बैनामे के लिए बढ़ेगा खर्च
सर्किल रेट में वृद्धि का असर केवल संपत्ति की कीमतों पर नहीं पड़ेगा, बल्कि बैनामा कराने के लिए भी अधिक खर्च होगा। वर्तमान में महिलाओं के लिए स्टांप ड्यूटी 6 फीसदी और पुरुषों के लिए 7 फीसदी निर्धारित है। इसका मतलब यह है कि यदि कोई पुरुष 20 लाख रुपये की संपत्ति खरीदता है, तो उसे स्टांप ड्यूटी के रूप में 1.40 लाख रुपये चुकाने होंगे। वहीं, महिलाओं को 10 लाख रुपये तक की संपत्ति पर 1 फीसदी की छूट मिलती है, और उन्हें 1.30 लाख रुपये चुकाने होंगे। यदि सर्किल रेट में प्रस्तावित वृद्धि लागू होती है तो संपत्ति के लेन-देन में खर्च और भी अधिक बढ़ सकता है। जिससे आम लोग और निवेशक दोनों ही प्रभावित हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह बदलाव बाजार में अव्यवस्था भी उत्पन्न कर सकता है, क्योंकि संपत्ति खरीदने के इच्छुक लोग इस बढ़ी हुई दरों के साथ बैनामा कराने के लिए तैयार नहीं हो सकते हैं।