धौलपुर. शहर के डे्रनेज सिस्टम को दुरुस्त करने नगर परिषद का किया जा रहा कार्य नाकाफी दिखाई दे रहा है। क्योंकि अपे्रल माह बीतने को है और मानूसन की आमद में दो माह का समय शेष है, जबकि अभी नालों पर हो रहे अतिक्रमण तक नहीं हट सके हैं, नालों और चैम्बरों की सफाई तो दूर की बात। चेम्बरों की सफाई में उपयोग होने वाली सुपर सकल मशीन ही खराब हालत में हैं।बीते मानसून जलभराव का शिकार हुए धौलपुर शहर की हालत इस बार भी ऐसी न हो इसको लेकर नगर परिषद नाली, नालों पर हो रहे अतिक्रमण को हटा रहा है और सालों पहले गुम हुए नालों को खोजा जा रहा है। लेकिन अभी तक नगर परिषद के किए कार्य नाकाफी साबित होते दिखाई दे रहे हैं। नगर परिषद नालों पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई में ही जुटा है। नाली और नालों को खोजने के बाद बड़े स्तर पर उनकी सफाई अभियान, नालों का पुन: निर्माण, ढलान के साथ नालों को एक साथ जोड़ते हुए पानी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाना, चौक चैम्बरों को खोलना सहित कई कार्य अधर में हैं। ऊपर से चौक चैम्बरों की सफाई कार्य में उपयोग आने वाली दोनों ही सुपर सकल मशीन खराब हालात में हैं। जिसमें से सोलर सकल मशीन के पुर्जे तक धौलपुर क्या आगरा, दिल्ली में नहीं मिल रहे। इस स्थिति में परिषद मानसून से पहले शहर के ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने का कार्य पूर्ण कर लेगा…? अगर नहीं तो फिर इस मानसून भी शहरवासियों को जलभराव की समस्या से रूबरू होने के लिए तैयार रहना चाहिए।
शहर के 33 नालों की होगी सफाई शहर के डे्रनेज सिस्टम को चार भागों में बांटा गया है। जिसमें जिरोली, कोठी, गुलाब बाग और पुराना शहर क्षेत्र शामिल हैं। इन क्षेत्रों के लगभग 33 नालों से अतिक्रमण हटा उनका सफाई कार्य किया जाना है। सफाई कार्य को लेकर तीन क्षेत्रों के नालों का टेण्डर हो चुके हैं लेकिन कोठी क्षेत्र जहां सबसे ज्यादा चुनौती पेश होंगी वहां अभी तक टेण्डर नहीं पाया है। नगर परिषद यहां 60 लाख रुपए का टेण्डर दे रही है, लेकिन कोई इस टेण्डर को लेने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा। इसी कोठी क्षेत्र में सबसे ज्यादा 16 नाले हैं जो सालों से अवरुद्ध हैं। जिनका बड़े स्तर से ट्रीटमेंट किया जाना है।
चौक चैम्बरों का कार्य अधर में हालांकि पिछले दो-तीन माह से नगर परिषद अधीक्षण अभियंता गुमान सिंह सैनी के नेतृत्व में चौक चैम्बरों को खोलने का कार्य अपने स्तर से दिन और रात में कर रहे हैं। लेकिन सालों से चौक चैम्बरों में बड़े-बड़े पत्थर और कचरा फंसे होने के कारण अभी तक पूर्ण से कामयाबी नहीं मिल पाई है, तो वहीं नगर परिषद के दम तोड़ते संसाधन सफाई अभियान में भी बाधा बनते रहते हैं। हुण्डावाल से लेकर नर्सरी और हाइवे तक चैम्बरों की सफाई कर पानी का फ्लो दुरुस्त कर दिया गया है।
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट कार्य भी अधूरा शहर से निकलने वाले दूषित पानी को उपयोग के लिए बनाने जिरोली क्षेत्र में करोड़ों की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किया जा रहा है, जिसकी समयावधि अपेे्रल तक थी। जबकि अपे्रल माह बीतने को लेकिन अभी तक प्लांट का 60 से 70 प्रतिशत ही कार्य पूर्ण हो पाया है। यानी अभी 30 से 40 प्रतिशत कार्य शेष है जो शायद ही मानसून के वक्त तक पूरा हो सके। अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर शहरवासियों को जलभराव से जूझना पड़ सकता है।
इन क्षेत्रों में यह एरिया – पुराना शहर क्षेत्र: घण्टाघर, फद्दी का चौराहा, जेल रोड, आशियाना कालोनी, पुराना शहर, गौरव पथ आदि। – जिरोली क्षेत्र: इस क्षेत्र में राजाखेड़ा बाईपास, गिर्राज कालोनी, गोविंद वाटिका, राठौर कालोनी, सुंदर कालोन शामिल हैं।
– गुलाब बाग क्षेत्र: गुरुद्वारा एरिया, गुलाब बाग, चौपड़ा मंदिर, नर्सरी, जगदीश तिराहा, सैंपऊ रोड, बाड़ी रोड, हाउसिंग बोर्ड कालोनी हैं। – कोठी क्षेत्र: गडरपुरा, जगन चौराहा, सराय, भामतीपुरा, हरदेव नगर, लाल बाजार, बाग भवा साहब बाडा, रेलवे स्टेशन रोड शामिल हैं।