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धौलपुर

निजी विद्यालयों के दबाव में अवैध विद्यालयों की जांच थमी!

निजी विद्यालय संगठन ने शिक्षा विभाग पर जांच के नाम पर परेशान करने का आरोप लगाते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा था। जिसके बाद दबाव में आए अधिकारियों ने अभियान की गति पर ब्रेक लगा दिया और इस कार्य के लिए ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारियों व पंचायत शिक्षा अधिकारियों पर जिम्मेदारी का ठीकरा फोड़ खुद अपने स्तर से जांच कार्य बंद कर दिया। उधर, जिला शिक्षाधिकारी मुख्यालय ने कहा कि विभाग की जांच जारी है ओर वह किसी भी दवाब में नहीं है।

धौलपुरJul 25, 2025 / 07:15 pm

Naresh

निजी विद्यालयों के दबाव में अवैध विद्यालयों की जांच थमी! Due to pressure from private schools, investigation of illegal schools has stopped!
जांच के मुद्दे पर दोनों राज्य स्तरीय संगठन हुए दो फाड़एक कर रहा जांच को मांग तो दूसरा कर रहा जांच का विरोध

– डीईओ बोली- हम किसी के दवाब में नहीं

dholpur. अटेचमेंट के गोरखधंधे से जिले के निजी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के शैक्षणिक भविष्य पर मंडराते खतरे पर पत्रिका की लगातार खबरों के बाद हरकत में आए शिक्षा विभाग का कथित अवैध निजी विद्यालयों के खिलाफ जांच अभियान थम सा गया है। जिससे शिक्षा माफिया एक बार फिर क्षेत्र में मनमाने तरीके से विद्यालयों में गुमराह कर प्रवेश देने के अभियान में जुटा हुआ है।
कुछ दिन पूर्व एक निजी विद्यालय संगठन ने शिक्षा विभाग पर जांच के नाम पर परेशान करने का आरोप लगाते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा था। जिसके बाद दबाव में आए अधिकारियों ने अभियान की गति पर ब्रेक लगा दिया और इस कार्य के लिए ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारियों व पंचायत शिक्षा अधिकारियों पर जिम्मेदारी का ठीकरा फोड़ खुद अपने स्तर से जांच कार्य बंद कर दिया। उधर, जिला शिक्षाधिकारी मुख्यालय ने कहा कि विभाग की जांच जारी है ओर वह किसी भी दवाब में नहीं है।
विद्यालय संगठन स्कूल क्रांति संघ के जिलाध्यक्ष विनोद पटसरिया के अनुसार निजी विद्यालय राज्य की शिक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनको हमेशा ईमानदारी से ही संचालित किया जाना चाहिए। लेकिन सीमित संख्या में कुछ निजी विद्यालय धनलोलुपता में गलत कार्यों को अंजाम देकर देश की नई पीढ़ी के भविष्य को बर्बाद कर रहे हैं। इनकी संख्या बेहद सीमित है लेकिन धनबली और बाहुबली होने से प्रभाव अधिक है। हामरी लड़ाई सिर्फ इसी माफिया से है। इनके कृत्यों का खामियाजा अच्छे और ईमानदार विद्यालयों को भी उठाना पड़ता है उनकी साख भी खराब होती है।
उनके अनुसार उच्च माध्यमिक स्कूलों में अलग-अलग फेकल्टी की मान्यता लेनी होती है जिनके पास सभी फेकल्टी की मान्यता नहीं होती लेकिन कुछ स्कूल माध्यमिक स्तर की मान्यता बता कर अटेचमेंट के सहारे सभी फेकल्टी चला रहे हैं। 11 वीं कक्षा में मान्यता प्राप्त फेकल्टी में प्रवेश दिखा कर 12 वीं कक्षा में टीएसीएजारी कर फैकल्टी बदलते हुए अन्य स्कूल में डमी प्रवेश करा देते हैं। यह एक बड़ा घोटाला भी है जिसकी उच्च स्तरीय जांच की जरूरत है। इसी जांच से बचने के लिए कतिपय विद्यालय प्रबंधक अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का लगा कर उन्हें दबाब में ला रहे हैं। जिससे अधिकारी क्षेत्र से विमुख हो रहे हैं।
दो फाड़ हुए संगठन

स्कूल क्रांति संघ गहन जांच की मांग कर रहा है वहीं शिक्षा परिवार संगठन इस जांच अभियान का कड़ा विरोध कर रहा है। संगठन के जिलाध्यक्ष ब्रजकिशोर ने अपने संघठन के सदस्यों के साथ जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन देकर जांचों को तुरंत प्रभाव से रोकने की मांग करते हुए कहा था कि जुलाई ओर अगस्त माह में विद्यालय प्रवेश प्रक्रिया में बेहद व्यस्त रहते है और बार-बार की जांच से उन्हें परेशानी होती है। निजी विद्यालयों की जांच की आवश्यकता ही नहीं है। ऐसे में विभागीय अधिकारी भी अब बेहद दवाब में हैं। वहीं इस सब का फायदा उठाकर जिले भर में सैकड़ों निजी स्कूल अवैध रूप से बेखोफ संचालित हैं ऐसे आरोप अभिभावक आए दिन लगाते रहे हैं। कुछ स्कूलों की शिकायत भी जिला शिक्षाधिकारियों एवं कलक्टर को भेजी गई है। ऐसे में कितने सही कितने गलत हैं जांच से ही पता लगेगा।
– हम किसी दबाव में नहीं हैं। जिला कलक्टर भी हमें इस संबंध स्पष्ट निर्देश दे चुके हैं। जांच भी जारी है, संबंदित पीईईओ और सीबीईईओ जांच कर रहे हंै।-सुक्खो देवी, जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय

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