दोपहर में स्त्री के सोने से बड़ा नुकसान (Sehore Wale Pandit Ji Ka Pravachan)
पं. प्रदीप मिश्रा के अनुसार जिस घर में दोपहर में स्त्री सोती है, उस घर में दुख और दरिद्रता वास करती है। घर वालों को कंगाली का जीवन बिताना पड़ता है। इसलिए जिन स्त्रियों में ऐसी आदत हैं उन्हें बदलना चाहिए। इससे उनके दुखों और आर्थिक परेशानी का हल उन्हें मिल जाएगा।
इन कारणों से भी घर में आती है दुख और दरिद्रता (Pandit Pradeep Mishra Ka Pravachan)
इसके अलावा जिन लोगों के घर में कांटेदार पेड़ पौधे लगे होंगे, और रात में जूठे बर्तन छोड़ दिए जाएंगे, उस घर में दुख दरिद्रता जरूर जाएगी। साथ ही ऐसे घर से सुख शांति दूर हो जाती है।
कैसे बने कथा वाचक
सीहोर में साधारण परिवार में जन्मे प्रदीप मिश्रा उर्फ रघुराम की प्रख्यात कथा वाचक बनने के कथी बड़ी रोचक है। बताते हैं कि रघुराम के पिता रामेश्वर मिश्रा ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे, और चाय की दुकान से परिवार चलाते थे। इस दुकान पर प्रदीप भी पिता का हाथ बंटाते थे, लेकिन इनकी बचपन से ही भजन कीर्तन में भी रूचि थी और मौका मिलने पर स्कूल में भजन कीर्तन में आगे रहते थे।इससे सीहोर के ही एक ब्राह्मण परिवार की महिला गीता बाई पराशर ने उन्हें कथा वाचक बनने के लिए प्रेरित किया और गुरुदीक्षा के लिए इंदौर में श्री विठलेश राय काका जी के यहां भेजा। यहां पं. मिश्रा ने पुराणों का ज्ञान प्राप्त किया। इसके बाद वो शिव मंदिर में कथा कहने लगे। फिर धीरे धीरे लोग उन्हें कथा के लिए बुलाने लगे।