धार्मिक मान्यता के अनुसार, 15 अगस्त को स्मार्त संप्रदाय के लोग जन्माष्टमी मनाएंगे, जबकि 16 अगस्त को वैष्णव संप्रदाय जन्मोत्सव मनाएंगे। अगर आप घर पर पूजा करने की योजना बना रहे हैं, तो नीचे दिए गए चार शुभ मुहूर्तों में से किसी में भी भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर सकते हैं।
ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 04:24 से 05:07 बजे तक)
ब्रह्म मुहूर्त को दिन का सबसे शुद्ध और शांत समय माना जाता है। इस समय पूजा करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है। जो लोग व्रत नहीं रखते, वे सुबह उठकर स्नान करके कान्हा जी की आराधना इस समय कर सकते हैं।
विजय मुहूर्त (दोपहर 02:37 से 03:30 बजे तक)
विजय मुहूर्त को कार्यसिद्धि और शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है। इस समय भगवान कृष्ण की पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और हर कार्य में सफलता मिलती है।
गोधूलि मुहूर्त (शाम 07:00 से 07:22 बजे तक)
गोधूलि बेला को पूजा-पाठ और दीपक जलाने का खास समय माना जाता है। इस समय घर के मंदिर में दीपक जलाकर, श्रीकृष्ण की आरती करें और माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
निशिता मुहूर्त (रात 12:04 से 12:47 बजे तक)
यही वो समय है जब भगवान श्रीकृष्ण का धरती पर अवतरण हुआ था। इस समय पंचामृत से श्रीकृष्ण का अभिषेक करें, नए वस्त्र पहनाएं और झूला झुलाएं। यह पूजा सबसे फलदायी मानी जाती है।