पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पशु चिकित्सक की रिपोर्ट पर मप्र गोवंश प्रतिषेध अधिनियम 2004 की धारा 59 के तहत मामला दर्ज किया। हिंदू संगठनों और गोसेवकों ने गोमांस की बिक्री के विरोध में मंगलवार को आठ घंटे तक धरना देकर प्रदर्शन किया। इस दौरान आक्रोशित गोसेवकों ने चक्काजाम किया। (mp news)
पुलिस को मिली सूचना
इंदरगढ़ थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि दालमिल रोड पर रहने वाले मुस्तकीम पुत्र मुस्ताक खान अवैध रूप से गोमांस का व्यापार करता है। इस पर उप निरीक्षक मनीष अतरौलिया की टीम ने पशु चिकित्सा विभाग की टीम के साथ दालमिल रोड निवासी मुस्तकीम के घर दबिश देकर मांस जब्त किया। पशु चिकित्सा विभाग के डॉ. विजय शर्मा ने मांस की जांच के बाद सैंपल सागर लैब में भेज दिए हैं।
सुबह सात बजे हिन्दू संगठनों ने शुरू किया धरना
इंदरगढ़ थाने पर सुबह 7 बजे हिंदू संगठन और गोसेवकों ने धरना देकर प्रदर्शन शुरु कर दिया। इस दौरान शिशुपाल सिंह चौहान और लाला शिवहरे ने आरोप लगाते हुए पुलिस से कहा कि नगर में पिछले डेढ़ वर्ष से गोमांस की बिक्री की जा रही है। शिशुपाल ने कहा कि सुबह छह बजे सूचना मिली थी, उसके बाद गोमांस बरामद हुआ है। हमारे साथ पुलिस और वेटनरी की टीम भी मौके पर गई थी। जांच के दौरान गोवंश का मांस होना पाया गया है। झांसी से असलम खान नाम का व्यक्ति मांस लेकर आता है। अभी मांस एक जगह पकड़ा है। वही पुलिस दो जगह और पहुंची थी लेकिन तब तक वहां से गोवंश का मांस हटा दिया गया।
दोपहर तक चला धरना प्रदर्शन
इंदरगढ़ थाने में हिंदू संगठनों ने सुबह 7 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक धरना प्रदर्शन किया। हिंदू संगठनों ने जमकर हंगामा करने के बाद नारेबाजी भी की। उधर पुलिस ने दोपहर 3.32 बजे मुस्तकीम खान के खिलाफ मामला दर्ज किया है। धरना प्रदर्शन करने वालों में श्यामू कुशवाह, मनीष तिवारी, सोनू यादव, दीपक उदेनिया, रेणू यादव, आकाश दुबे, राघवेंद्र कुशवाह, कल्लू तिवारी, सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
चेक कराने पर निकला कैटल का ही मांस
सेवढ़ा एसडीओपी अजय चानना ने कहा कि पुलिस को फोन पर सूचना मिली थी कि दालमिल रोड पर मुस्तकीम नाम का व्यक्ति अवैध रूप से गोमांस का अवैध व्यापार करता है। सूचना पर पुलिस उसके घर पर पहुंची, जहां पर पॉलीथिन में 15 किलो मांस मौके पर मिला था। जिसको जब्त किया गया। पशु अस्पताल के डॉक्टरों की टीम से जांच कराई गई। जिसमें संदिग्ध कैटल होना पाया गया है। लाला शिवहरे के आवेदन और पशु चिकित्सकों की जांच के आधार पर प्रथम दृष्टया गोवंश अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।