नक्सली दंतेवाड़ा में 15, सुकमा में 5 का समर्पण (Photo source- Patrika)
Naxal News: सरकार की नक्सल आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति तथा पुलिस के ‘पुना मारगेम’ अभियान का असर एक बार फिर दिखा है। जिले के चिंतलनार क्षेत्र में सक्रिय 5 नक्सलियों ने गुरुवार को आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया। गौरतलब है कि सभी नक्सली लंबे समय से जगरगुंडा व चिंतलनार थाना क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों में सक्रिय थे।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में माड़वी कोसा डीएकेएमएस अध्यक्ष, माड़वी कमलेश उर्फ हुंगा, डीएकेएमएस सदस्य, नुप्पो, पेद्दाबोड़केल आरपीसी सरकार सदस्य, माड़वी जोगा, आरपीसी जंगल कमेटी अध्यक्ष, माड़वी पोज्जा आरपीसी मिलिशिया सदस्य शामिल हैं। इन पर पुलिस पार्टी की रेकी करने, मार्ग में स्पाइक व आईईडी लगाने, रास्ता अवरुद्ध करने और शासन विरोधी पर्चे-पोस्टर लगाने जैसे संगीन आरोप हैं। इन सभी नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय, में एएसपी (नक्सल ऑप्स) रोहित शाह और सीआरपीएफ 131वीं बटालियन के सहायक कमांडेंट अमित श्रीवास्तव के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया।
5 इनामी माओवादी भी शामिल हैं…
Naxal News: दंतेवाड़ा/बस्तर में चल रहे आत्मसमर्पण और पुनर्वास अभियान ‘लोन वर्राटू’ और ‘पूना मारगेम’ का असर एक बार फिर दिखाई दिया है। जिले में गुरूवार को 15 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया, जिनमें 5 इनामी माओवादी भी शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वालों में सबसे चर्चित नाम बुधराम उर्फ लालू (डीवीएमसी है, जिस पर 8 लाख रुपए का इनाम घोषित था। इसके अलावा कमली उर्फ मोती पोटावी पर 5 लाख रुपए, पोज्जा मड़काम पर 2 लाख रुपए, आयते सोड़ी और पाण्डे माड़वी पर 1-1 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
ये सभी नक्सली बीते 15-20 वर्षों से संगठन में सक्रिय थे और कई बड़ी नक्सली घटनाओं तथा सुरक्षा बलों पर हमलों में शामिल रहे। आत्मसमर्पण के पीछे मुख्य वजह संगठन की हिंसक और जनविरोधी विचारधारा, तथा जीवन की कठिन परिस्थितियां बताई गई है। यह आत्मसमर्पण पुलिस अधीक्षक कार्यालय, दंतेवाड़ा में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ। इसमें डीआरजी और सीआरपीएफ की विभिन्न वाहिनियों की अहम भूमिका रही।
पुलिस-प्रशासन की अपील
हिंसा छोड़िए, शांति और विकास की राह अपनाइए। पूना मारगेम यानी पुनर्वास से पुनर्जीवन — इस विचार के साथ प्रशासन ने शेष नक्सलियों से मुयधारा में लौटने की अपील की है।
अब तक 1020 नक्सली कर चुके आत्मसमर्पण
लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 254 इनामी नक्सली सहित कुल 1020 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जिनमें 824 पुरुष और 196 महिलाएं शामिल हैं। आत्मसमर्पित नक्सली को छत्तीसगढ़ पुनर्वास नीति 2025 के तहत कौशल प्रशिक्षण, स्वरोजगार, सुरक्षा व समान प्रदान किया जाएगा।
प्रोत्साहन राशि और अन्य सुविधाएं
Naxal News: सरकार की नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति-2025’’ के तहत इन्हें प्रत्येक को 50-50 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। प्रशासन ने इन सभी का स्वागत करते हुए आश्वस्त किया है कि उन्हें शासन की पुनर्वास योजनाओं के तहत हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। यह आत्मसमर्पण न केवल इन व्यक्तियों के जीवन में नया मोड़ है, बल्कि क्षेत्र में शांति स्थापना की दिशा में एक अहम कदम भी है।
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