गौरतलब है कि 24 जुलाई को एमसीपी चेकिंग के दौरान एक संदिग्ध बाइक को रोका गया। जब चालक से कागजात मांगे गए, तो वह दस्तावेज नहीं दिखा सका। जांच में पाया गया कि बाइक पर जो नंबर प्लेट लगी थी वह एक कार से संबंधित थी। वाहन चालक गुलशन नाहटा निवासी गीदम को थाने लाकर पूछताछ की गई, जहां उसने बताया कि वह गीदम में मोटरसाइकिल गैरेज चलाता है और हैदराबाद से चोरी की गई बाइकें लाकर, अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेचता है।
CG News: गैरेज के पीछे छिपाकर रखे थे चोरी के वाहन
गुलशन की निशानदेही पर गीदम स्थित उसके गैरेज के पीछे से 5 दोपहिया वाहन बरामद किए गए – 2 बुलेट, 2 स्प्लेंडर और 1 पल्सर। गुलशन ने बताया कि वह यह काम कैलाश निषाद (निवासी
जगदलपुर) और रिज्जू के जे (निवासी गीदम) के साथ मिलकर करता था। वे लोग चोरी की गाड़ियों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर और नकली आरसी बुक तैयार कर उन्हें बेचने की फिराक में थे।
साथ ही प्रिंटर और दस्तावेज तैयार करने वाली सामग्री भी पुलिस ने जब्त की है। तीनों आरोपियों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इस पूरी कार्रवाई में उनि शशिकांत यादव, सउनि संतोष यादव, सउनि प्रशांत सिंह, प्रआर राजकुमार सिंह, प्रआर मनोज भारद्वाज और आरक्षक केशव पटेल की अहम भूमिका रही।