दो साल तक यौन शोषण का आरोप
पीड़िता ने दावा किया कि यश ने क्रिकेट में करियर बनाने का झांसा देकर और भावनात्मक ब्लैकमेल के जरिए दो साल तक उसका यौन शोषण किया। यह यश दयाल के खिलाफ दूसरा रेप का मामला है, क्योंकि इससे पहले जुलाई में गाजियाबाद की एक महिला ने भी उन पर शादी का झांसा देकर यौन शोषण का आरोप लगाया था।
नाबालिग के साथ रेप का आरोप
जयपुर पुलिस के अनुसार, पीड़िता एक 19 वर्षीय महत्वाकांक्षी क्रिकेटर है, जो दो साल पहले 2023 में यश दयाल के संपर्क में आई थी। उस समय वह 17 साल की नाबालिग थी। सांगानेर सदर थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) अनिल जायमन ने बताया कि यश ने पीड़िता को क्रिकेट में करियर बनाने का वादा किया और इस बहाने उसका यौन शोषण किया। आरोप है कि यश ने 2023 में पहली बार पीड़िता के साथ बलात्कार किया और यह सिलसिला दो साल तक चला।
आईपीएल के दौरान जयपुर में किया यौन शोषण
इस साल अप्रैल में, जब यश दयाल आईपीएल 2025 के लिए जयपुर में थे, उन्होंने कथित तौर पर पीड़िता को सितापुरा के एक होटल में बुलाया और फिर से उसका यौन शोषण किया। लगातार भावनात्मक और शारीरिक शोषण से तंग आकर पीड़िता ने 23 जुलाई 2025 को सांगानेर सदर थाने में शिकायत दर्ज की। चूंकि पहला अपराध तब हुआ जब पीड़िता नाबालिग थी, इसलिए इस मामले में यश दयाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 और प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेस (POCSO) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। POCSO एक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर यश को कम से कम 10 साल की सजा या उम्रकैद तक हो सकती है।
एक महीने में दूसरी बार लगा रेप का आरोप
इससे पहले, 8 जुलाई 2025 को गाजियाबाद की एक महिला ने यश दयाल पर शादी का झांसा देकर पांच साल तक यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। इस मामले में गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 69 के तहत FIR दर्ज की गई थी। महिला ने दावा किया था कि यश ने उसे शादी का वादा करके भावनात्मक, शारीरिक और आर्थिक रूप से शोषण किया। उसने यह भी आरोप लगाया था कि यश ने उसे अपने परिवार से मिलवाया और बेटी-जैसा व्यवहार किया, जिससे उसका भरोसा बढ़ा। हालांकि, इस मामले में यश दयाल ने अपनी सफाई में कहा था कि उनकी उस महिला के साथ केवल दोस्ती थी और शादी का कोई वादा नहीं किया गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महिला उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रही थी। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 15 जुलाई 2025 को यश की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि “कोई व्यक्ति पांच साल तक किसी को मूर्ख नहीं बना सकता,” और मामले की अगली सुनवाई तक यश को राहत दी थी।