जिले में खुलेंगे 199 भण्डार
राज्य सरकार की ओर से जहां राजस्थान में 5 हजार अन्नपूर्णा भण्डार खोलने की घोषणा की गई थी, जिसके क्रम में चूरू जिले में 199 भण्डार खोले जाने है। जिसके लिए राज्य खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम ने राशन डीलर्स से आवेदन मांगे। जिसके क्रम में जिले में आवेदन की प्रक्रिया जारी है और जानकारी के अनुसार अब तक करीब 60 से अधिक आवेदन आ गए हैं।
राशन विक्रेताओं का पहले से ही होता है पंजीयन
राशन विक्रेताओं की माने उचित मूल्य राशन की दुकानें जिला रसद विभाग की ओर से आवंटित होती है जिनका पंजीयन पहले से ही होता है। हालांकि इन राशन की दुकानों से किसी जमाने में गेंहू, चीनी, केरोसीन आदि सामान उचित मूल्य पर उपभोक्ताओं को मिला करता था लेकिन अब यह बीते दिन की बात हो गई हैं। केवल अन्त्योदय या गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करनेवालों के लिए राशन विक्रेता गेंहू उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसलिए ही सरकार ने अन्नपूर्णा भण्डार के माध्यम से राशन विक्रेताओं की आय बढ़ाने और उपभोक्ताओं को एक ही छत के नीचे किराना सामान उपलब्ध करवाने की कवायद शुरू की हैं।
निगम ने पंजीयन शुल्क किया तय
राज्य खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम ने पंजीयन के साथ 2500 रुपए शुल्क भी तय किया है। हालांकि यह शुल्क वापसी योग्य है। जानकारी के अनुसार यह शुल्क राशन विक्रेताओं को वापस कर दिया जाएगा। सरकार की ओर से भण्डार के लिए लोन आदि दिए जाने का प्रावधान है। क्योंकि सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली अन्तर्गत कार्यरत उचित मूल्य दुकानदारों की आर्थिक स्थिति मजबूत बनाने के साथ ही उपभोक्ताओं को गुणवत्ता युक्त वस्तुएं प्रतिस्पर्धी दरों पर उपलब्ध करवाने की योजना है।
उचित मूल्य पर मिले सामान
राशन विक्रेताओं की माने तो योजना का मुय उद्देश्य अल्प आर्य वर्ग के परिवारों को रोजमर्रा का आवश्यक सामान उचित मूल्य पर उपलब्ध करवाना है, लेकिन वर्तमान में यदि समान की दर देखे तो वे बाजार से कम नहीं हैं। इसलिए बाजार कम दर में किराना उपलब्ध नहीं करवाया तो इस अन्नपूर्णा भण्डार का कोई अर्थ नहीं है। यह बात जब सरकार के पास पहुंची बैठक में इसकी समीक्षा करने की बात कही गई है।
उचित मूल्य जरूरी
राशन विक्रेता सुरेश कुमार कहते हैँ कि यह एक अच्छी योजना है लेकिन बाजार में यह भण्डार तभी चल पाएंगे जब लोगों को किराना सामान उचित मूल्य पर मिलेगा। सरकार की भी यही मंशा है कि अल्प आय उपभोक्ता को उचित मूल्य में समान मिले। क्योंकि बाजार भाव से यदि ज्यादा या उसके समक्ष तेल, मसाले साबुन आदि की दरें होगी तो ये भण्डार कैसे चल पाएंगे। राशन विक्रेता दिनेश कुमार का कहना है कि अन्नपूर्णा भण्डार योजना उपभोक्ताओं और विक्रेताओं को सबंल प्रदान करना है तो उसी अनुरूप इसका क्रियान्वयन होना चाहिए। इनका कहना है चूरू जिले में अन्नपूर्णा भण्डार खोलने के लक्ष्य अनुरूप कार्य किया जा रहा है। अब तक 60 से अधिक पंजीयन हो चुके हैं। राशन विक्रेताओं को इसके लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसलिए आवेदन भी आ रहे हैं। आने वाले दिनों में लक्ष्य पूर्ण कर लिए जाएंगे।
अंशुल तिवाड़ी, जिला रसद अधिकारी चूरू