कर्मचारियों ने ही कहा कि चले जाओ, कुछ नहीं होगा
इस हादसे में शर्मिला इवनाती को पैरों में गंभीर चोट आई थी, जिनकी ऐड़ी की हड्डियां काफी टूट गई है जिन्हें डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए कहा है। घायल महिला माधुरी वर्मा निवासी नरसिंहपुर मार्ग ने बताया कि शॉपिंग करने के बाद जब वह लिफ्ट के पास पहुंची तो वहां पर खड़े कर्मचारियों ने लगातार लोगों को लिफ्ट में जाने के लिए कहा था तथा धीरें-धीरें 11 लोग लिफ्ट में पहुंचा दिया तथा कहा कि लिफ्ट को ऊपर आने में समस्या होती है नीचे जाने में नहीं, मॉल में त्योहार होने के कारण भीड़ को जल्द से जल्द बाहर करने में कर्मचारी जुटे थे जिसके कारण हादसा हो गया।
मप्र में नहीं है लिफ्ट को लेकर गाइड लाइन
बताया जा रहा है कि लिफ्ट एक्ट का पालन देश में कुछ राज्यों में होता है जबकि लिफ्ट को लेकर कोई गाइड लाइन मप्र में नहीं है। लिफ्ट लगाने वाला व्यक्ति लाइसेंस होल्डर होता है उसे ही समय समय पर मेंटनेंस करना होता है। लिफ्ट मेन होना चाहिए लेकिन उसका उपयोग नहीं किया जाता है। ओवरलोड़ डिवाइस तथा एआरडी सिस्टम का उपयोग नहीं किया जाता है। जिले की इमारतों में लगने वाली लिफ्ट में किसी भी विभाग की कोई मॉनीटिरिंग व ऑडिट नहीं होता है।
लिफ्ट का गेट बंद हुआ नहीं और गिर गई नीचे
प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार तीसरी मंजिल पर लिफ्ट थी, इस दौरान लिफ्ट का गेट खुला और तीन लोग सवार हुए, इसके बाद तीन लोग और सवार हुए दो बच्चों के आने के बाद एक दंपति व एक अन्य जैसे ही गेट के अंदर गुस्से और लिफ्ट का गेट बंद भी नहीं हुआ और वहां सीधे नीचे ग्राउंड फ्लोर पर गिर गई। गनीमत यहां रही की लिफ्ट गिरने के दौरान किसी का भी कोई अंग लिफ्ट के बाहर नहीं था नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था
परेशान होते रहे सीटी स्कैन के लिए
आनंद फानन में सभी घायलों को गुरुवार की रात को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती तो करा दिया गया लेकिन जब सभी के सीटी स्कैन की बारी आई तो पैसे की समस्या सबके सामने आ गई। लेकिन बाद में मॉल के कर्मचारियों ने ही सिटी स्कैन कराया था, बताया जा रहा है कि ऑपरेशन के लिए भी मॉल प्रबंधन ने आश्वासन दिया है।