धीरे-धीरे बढ़ती गई विभागों की संख्या
बताते है कि मौजूदा कलेक्ट्रेट भवन 1956 में बनाया गया था। तब उस समय की शासकीय दफ्तरोंं की संरचना अलग थी। इसके बाद लगातार विभाग बढ़ाए गए। वर्तमान में इनकी संख्या 52 पहुंच गई है। इसके साथ मौजूदा कलेक्ट्रेट भवन की ऊपरी तल के ऑफिस की छत जर्जर होने से टपक रही है। इस पर हर बारिश में त्रिपाल लगाना पड़ रहा है। इसके चलते नए भवन की परिकल्पना की गई है।
इंदौर के वास्तुकार ने की कलेक्टे्रट की नपाई
कलेक्ट्रेट कर्मचारियों के अनुसार कलेक्ट्रेट भवन को तोडकऱ नया भवन बनाने की इस योजना में हाल ही में इंदौर के वास्तुकार आए थे, जिन्होंने इंदौर का कलेक्ट्रेट भवन भी बनाया है। इन्होंने मौजूदा कलेकट्रेट भवन देखा और इसकी नपाई भी कराई। बताते है कि नया कलेक्ट्रेट भवन भी इंदौर की तर्ज पर होगा, जहां सभी ऑफिस को एक साथ स्थान दिया जाएगा। नए भवन का नया नक्शा भी तैयार कर लिया गया है।
कलेक्ट्रेट बिल्डिंग शिफ्ट करने की योजना
कलेक्ट्रेट भवन में मौजूद 48 कक्ष में संचालित कार्यालयों को शिफ्ट करने की योजना बनाई गई है। इस योजना में ये सरकारी दफ्तर पीजी कॉलेज साइंस भवन, मेडिकल कॉलेज और बादल भोई म्यूजियम के नए कक्षों में अस्थायी तौर पर शिफ्ट किए जाएंगे। फिर जैसे ही नया कलेक्ट्रेट भवन बनेगा, वैसे ही ये वापस आ जाएंगे।
इनका कहना है…
अभी कलेक्ट्रेट नई बिल्डिंग की फाइल भोपाल में है। विभागीय कमिश्नर मुख्य सचिव के साथ बैठक की राह देख रहे हैं। इसके साथ ही यह मामला साधिकार समिति में रखा जाना है।
आरके कौशले, कार्यपालन यंत्री, गृह निर्माण मंडल