गले में दवा फंसने से मौत?
संस्थान के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस को बताया कि सोमवार रात खाना खाने के बाद चंद्रजीत ने डॉक्टर की सलाह पर एक दवाई खाई थी। मामले में जानकारी मिल रही है कि ये दवाई उसकी सांस की नली में अटक गई थी। दवाई फंसने से उसकी मौत हो गई। बताया ये भी जा रहा है कि उसे अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर्स ने उसे तुरंत सीपीआर दी, उसके गले में फंसी दवाई भी निकाली, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। चंद्रजीत का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
परिजन पहुंचे खड़गपुर
स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। मृतक स्टूडेंट के परिजनों को सोमवार देर रात मामले की सूचना दे दी गई थी, वे मंगलवार सुबह खड़गपुर पहुंच गए थे। नाम सामने न आने की शर्त पर संस्थान से जुड़े एक शख्स का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से चंद्रजीत पवार मानसिक तनाव में था।
पिता बोले- दिन में दो बार बात की तब तक सब सही था
चंद्रदीप के पिता जय राम पवार मंगलवार को कोलकाता पहुंचे। वे सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी हैं और पिछले एक साल से कैंसर से पीड़ित हैं। उन्होंने बताया कि उनका बड़ा बेटा दिव्यांग है। वहीं चंद्रदीप को लेकर उन्होंने कहा कि उसने एक टैबलेट ली थी। उन्होंने उससे सोमवार की शाम करीब 6 बजे बात की थी और रात सवा नौ बजे भी। तब तक सब ठीक था। वह सर्दी-खासी के लिए दवाएं खा रहा था। उसे किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं थी।रात 11 बजे आया कॉल और पता चला सबकुछ खत्म, किसी से नहीं शिकायत
पिता जयराम का कहना है कि देर रात अचानक मोबाइल पर घंटी बजी, जैसे ही फोन उठाया, तो पता चला सबकुछ खत्म हो चुका है। डॉक्टर्स से भी बात की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। बेटे का शव देखकर पिता फूट-फूट कर रो पड़े। उन्होंने कहा कि, उन्हें किसी से भी कोई शिकायत नहीं है।