यह सुविधा विशेष रूप से बुजुर्गों और विकलांग व्यक्तियों के लिए उपयोगी है साबित होगी, जिन्हें पारंपरिक रूप से अंगूठे के निशान या ओटीपी का उपयोग करने में कठिनाई आती है।
लाखों उपभोक्ताओं को मिलेगा फायदा
छिंदवाड़ा सम्भाग अंतर्गत दो लाख 70 हजार उपभोक्ताओं को इसका फायदा मिलेगा। यह व्यवस्था संभाग अंतर्गत सभी 370 ग्रामीण डाकघरों में उपलब्ध की गई है। हालांकि छिंदवाड़ा प्रधान डाकघर तक में अभी चेहरा प्रमाणीकरण की जरूरत नहीं पड़ी, लेकिन विकल्प के तौर पर डाकघर के कैश विभाग को अपडेट कर दिया गया है। कैश विभाग इसके लिए एक अलग से मोबाइल भी रखने लगा है।
धोखाधड़ी की आशंका कम
सुविधा यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के सिस्टम के तहत तैयार की गई है। इसमें ग्राहक अपने चेहरे की पहचान के जरिए आधार ऑथेंटिकेशन कर सकेंगे, जिससे धोखाधड़ी की आशंका भी कम होगी। इसके साथ ही यदि कोई बीमार है या ऐसी स्थिति है, जहां शारीरिक संपर्क संभव नहीं, वहां ये फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक बेहद काम की साबित होगी। ट्रांजेक्शन के लिए अपना चेहरा दिखाना होगा। यह आधार आधारित है। ओटीपी(OTP-free transactions) का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
ट्रांजेक्शन का तीसरा विकल्प
यह ट्रांजेक्शन का तीसरा विकल्प होगा, जब ओटीपी(OTP-free transactions) या बायोमैट्रिक की वजह से उनके कार्य नहीं हो पाएंगे। इसमें कम समय अधिक लगता है। – जेके कावड़े, डाक अधीक्षक, छिंदवाड़ा संभाग