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छतरपुर

बारिश के मौसम में स्वास्थ्य का रखें विशेष ध्यान, बुजुर्गों और बच्चों के लिए जरूरी हैं सावधानियां

बरिश के मौसम में विशेष रूप से बुजुर्गों और बच्चों की देखभाल एक बड़ी चुनौती बन जाती है। इन्हीं पहलुओं पर पत्रिका ने जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. लखन तिवारी से विस्तार से बात की।

छतरपुरJun 30, 2025 / 10:48 am

Dharmendra Singh

dr lakhan tiwari

डॉ. लखन तिवारी

मानसून का मौसम जहां लोगों को गर्मी से राहत देता है, वहीं यह बीमारियों की लंबी सूची भी अपने साथ लाता है। बरिश के मौसम में विशेष रूप से बुजुर्गों और बच्चों की देखभाल एक बड़ी चुनौती बन जाती है। इन्हीं पहलुओं पर पत्रिका ने जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. लखन तिवारी से विस्तार से बात की।

प्रश्न: बारिश में आमतौर पर कौन-कौन सी बीमारियां देखने को मिलती हैं?

उत्तर- मानसून के दौरान सबसे अधिक लोग वायरल फीवर, सर्दी-खांसी, डायरिया, टाइफाइड, डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से पीडि़त होते हैं। इसके अलावा त्वचा संक्रमण, फंगल इंफेक्शन और फूड प्वॉइजनिंग के मामले भी तेजी से बढ़ते हैं। ये सभी समस्याएं गंदगी, नमी और मच्छरों के कारण होती हैं जो इस मौसम में आम हो जाते हैं।

प्रश्न: खासकर बुजुर्गों के लिए यह मौसम कितना संवेदनशील होता है?

उत्तर- बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अपेक्षाकृत कमजोर होती है। ऐसे में उन्हें बारिश में भीगने से बचना चाहिए और अगर कभी भीग जाएं तो तुरंत सूखे कपड़े पहनना आवश्यक होता है। वे ठंडे और खुले में रखे खाद्य पदार्थों से परहेज करें और नियमित रूप से गर्म पानी पीएं। अपनी दवाओं को समय पर लें और डॉक्टर के संपर्क में बने रहें। घर में सीलन और नमी न बनने दें क्योंकि यह सांस से जुड़ी बीमारियों को बढ़ावा देता है। जिन बुजुर्गों को मधुमेह या उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं हैं, उन्हें विशेष सतर्कता की जरूरत होती है।

प्रश्न: छोटे बच्चों की देखभाल को लेकर अभिभावकों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

उत्तर- बच्चों का इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होता, इसलिए वे जल्दी बीमार पड़ सकते हैं। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों को कीचड़, गंदे पानी और बारिश में खेलने से रोकें। उन्हें उबला या फिल्टर्ड पानी पिलाएं और बाहर का खाना बिल्कुल न दें। आइसक्रीम या खुले में मिलने वाले खाद्य पदार्थों से भी दूरी बनाकर रखें। अगर बुखार, खांसी या दस्त जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी या रेपेलेंट का इस्तेमाल करें।

प्रश्न: खानपान में इस मौसम के दौरान किस प्रकार का बदलाव जरूरी है?

उत्तर- मानसून के समय हल्का और सुपाच्य भोजन लेना स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है। ताजा और स्वच्छ भोजन का सेवन करना चाहिए। तली-भुनी चीजों से बचना जरूरी है क्योंकि वे पाचन तंत्र पर असर डालती हैं। हरी सब्जियों को अच्छी तरह धोकर ही पकाएं। पानी अधिक पिएं, लेकिन हमेशा उबला या फिल्टर्ड पानी ही उपयोग में लाएं। इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए विटामिन-सी से भरपूर फल जैसे आंवला, संतरा, नींबू और अमरूद को अपने आहार में जरूर शामिल करें।

प्रश्न: संक्रमण से बचने के लिए मानसून में क्या सावधानियां अपनाई जानी चाहिए?

उत्तर- सबसे पहले तो हाथों की सफाई का ध्यान रखें। दिन में कई बार हाथ धोना संक्रमण से बचने का एक सरल तरीका है। घर के आसपास पानी जमा न होने दें, क्योंकि वहीं डेंगू और मलेरिया के मच्छर पनपते हैं। घर में रखे कपड़े, बिस्तर और जूते-चप्पल को सूखा और साफ रखें, ताकि फंगल इंफेक्शन न हो। अगर कोई व्यक्ति घर में बीमार है, तो उसे दूसरों से अलग रखें और मास्क का उपयोग करें ताकि बीमारी न फैले।

प्रश्न: अंत में आप शहरवासियों को क्या सलाह देना चाहेंगे?

उत्तर- बरसात का मौसम निश्चित रूप से सुहावना होता है, लेकिन यह बीमारियों के लिहाज से संवेदनशील भी होता है। यदि हम थोड़ा सतर्क रहें, समय पर लक्षणों को पहचान लें और सही समय पर उपचार कराएं तो हम बड़ी परेशानियों से बच सकते हैं। बुजुर्गों और बच्चों के मामले में तो विशेष सतर्कता जरूरी है।

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