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छतरपुर

रोजगारमूलक यूजी डिप्लोमा के लिए अब 6 नहीं, 1 हजार रुपए लगेगी फीस, पीजी में 7 हजार की जगह 1500 रुपए

यह फैसला उन छात्रों के लिए राहत की खबर है जो सीमित आर्थिक संसाधनों के कारण उच्च शिक्षा के इन कोर्सों से वंचित रह जाते थे। विश्वविद्यालय प्रशासन का यह कदम रोजगारोन्मुखी शिक्षा को बढ़ावा देने और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

छतरपुरJun 30, 2025 / 10:40 am

Dharmendra Singh

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विश्वविद्यालय

महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने छात्रों के हित में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए रोजगारमूलक डिप्लोमा कोर्सों की फीस में भारी कमी की है। अब स्नातक डिप्लोमा कोर्स की फीस 6,000 की बजाय सिर्फ 1,000 होगी, जबकि स्नातकोत्तर डिप्लोमा कोर्स की फीस 7,000 से घटाकर मात्र 1,500 कर दी गई है। यह फैसला उन छात्रों के लिए राहत की खबर है जो सीमित आर्थिक संसाधनों के कारण उच्च शिक्षा के इन कोर्सों से वंचित रह जाते थे। विश्वविद्यालय प्रशासन का यह कदम रोजगारोन्मुखी शिक्षा को बढ़ावा देने और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

फीस कटौती से आर्थिक बोझ कम, छात्रों में उत्साह

छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. आरएस सिसोदिया ने बताया कि विश्वविद्यालय को लगातार इस बात की जानकारी मिल रही थी कि कई छात्र महंगी फीस के कारण रोजगारमूलक कोर्सों में प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए डिप्लोमा कोर्सों की फीस में भारी कटौती का निर्णय लिया। इस बदलाव से अब हर वर्ग के छात्र, विशेष रूप से ग्रामीण व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आने वाले विद्यार्थी भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा सकेंगे। यह पहल युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा की ओर आकर्षित करेगी, जिससे उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकेंगे।

यूएलसी द्वितीय चरण की कटऑफ सूची जारी, औसत कटऑफ 50 प्रतिशत

विश्वविद्यालय ने यूएलसी द्वितीय चरण की कटऑफ सूची भी जारी कर दी है। इस सूची के अनुसार अब तक कुल 870 सीटों का आवंटन हो चुका है, जबकि 342 सीटें वेटिंग लिस्ट में हैं। इस बार औसत कटऑफ लगभग 50 प्रतिशत रही है, जो बताता है कि छात्रों में इन कोर्सों को लेकर रुचि लगातार बढ़ रही है। खास बात यह रही कि कंप्यूटर साइंस जैसे तकनीकी विषयों में कटऑफ सबसे अधिक 63.33 प्रतिशत रहा। यह रुझान स्पष्ट करता है कि युवा वर्ग डिजिटल और तकनीकी शिक्षा को लेकर गंभीर और उत्साहित है।

छात्रों को मिला बड़ा तोहफा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

विश्वविद्यालय द्वारा की गई फीस कटौती से छात्रों के लिए शैक्षणिक अवसरों के नए द्वार खुल गए हैं। अब अधिक से अधिक छात्र इन डिप्लोमा कोर्सों में प्रवेश लेकर व्यावसायिक दक्षता प्राप्त कर सकेंगे। इससे न केवल उनकी शिक्षा पूरी होगी, बल्कि उन्हें रोजगार के क्षेत्र में भी मजबूती मिलेगी। तकनीकी, डिजिटल, भाषाई और सांस्कृतिक विषयों में मिलने वाले प्रशिक्षण से छात्र स्वयं को इंडस्ट्री के योग्य बना पाएंगे, जिससे उनकी प्लेसमेंट की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।

आगे की चुनौतियां और संभावनाएं

फीस में कटौती जितना बड़ा कदम है, उतना ही जरूरी है कि विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आवश्यक संसाधनों, प्रशिक्षित शिक्षकों, लैब्स और आधुनिक तकनीकों का प्रबंधन भी करे। छात्रों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी मिलना चाहिए। इसके लिए विश्वविद्यालय को विभिन्न उद्योगों और संगठनों के साथ सहयोग स्थापित करना होगा ताकि इंटर्नशिप, लाइव प्रोजेक्ट्स और प्लेसमेंट जैसे अवसर सुनिश्चित किए जा सकें। रोजगारमूलक शिक्षा को प्रभावी बनाने के लिए पाठ्यक्रमों को समय-समय पर उद्योग की जरूरतों के अनुसार अद्यतन करना भी आवश्यक होगा।

ये कोर्स हो रहे संचालित

लेखांकन एवं कराधान में डिप्लोमा, बीमा में डिप्लोमा, ऑनलाइन वाणिज्य में डिप्लोमा, इंटरनेट ऑफ थिंग्स में डिप्लोमा, कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा, वेब डिजाइनिंग एवं विकास में डिप्लोमा, पुष्प विज्ञान (फ्लोरीकल्चर) में डिप्लोमा, वैदिक गणित में डिप्लोमा, खगोल भौतिकी (एस्ट्रोफिजिक्स) में डिप्लोमा, ड्रोन तकनीक में डिप्लोमा, प्रोफेशनल हिंदी में डिप्लोमा, रचनात्मक लेखन (हिंदी) में डिप्लोमा, संरक्षण संस्कृत में डिप्लोमा, राजनीतिक नेतृत्व एवं शासन में डिप्लोमा, इंटीरियर डिज़ाइनिंग में डिप्लोमा, परफॉर्मिंग आट्र्स में डिप्लोमा, विदेशी भाषा (रूसी/स्विस) में डिप्लोमा, फंक्शनल इंग्लिश में डिप्लोमा, अंग्रेजी संचार में डिप्लोमा, पत्रकारिता में डिप्लोमा, फैशन व वस्त्र डिज़ाइनिंग में डिप्लोमा, आत्मरक्षा में डिप्लोमा, पर्यटन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, खनिज अन्वेषण एवं खनन विज्ञान में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, प्राचीन जलाशय – पुनर्निर्माण एवं पुनर्जीवन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, सहकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, बुंदेली अध्ययन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, कांस्य कला में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, अनुवाद (अंग्रेजी/हिंदी) में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, डिजास्टर मैनेजमेंट में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, भारतीय शास्त्रीय नृत्य में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, योग में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, जूडो में स्नातकोत्तर डिप्लोमा।

इनका कहना है

छात्रों को रोजगारोन्मुखी पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास जारी है। फीस के कारण छात्रों को असुविधा न हो इसलिए फीस को बहुत कम दिया है।

डॉ. शुभा तिवारी, कुलगुरु

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