यह परियोजना न सिर्फ बिजली उत्पादन में योगदान देगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार, आर्थिक सशक्तिकरण और पर्यावरण सुरक्षा का भी आधार बनेगी। 630 मेगावाट क्षमता वाले इस सोलर प्लांट का निर्माण 2,800 एकड़ क्षेत्र में किया जा रहा है।
शुरु होगा बिजली उत्पादन
अधिकारियों के अनुसार दिसंबर 2026 तक इस परियोजना को पूर्ण कर बिजली उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। इससे करीब तीन लाख घरों को बिजली आपूर्ति की जा सकेगी। साथ ही ईशानगर में एक आधुनिक सब स्टेशन भी तैयार किया जा रहा है, जहां तक ट्रांसमिशन लाइन बिछाने का कार्य शुरू हो गया है। बरेठी में सौर ऊर्जा परियोजना की पृष्ठभूमि 2013 से जुड़ी है। पहले यहां थर्मल पावर प्लांट लगाने का प्रस्ताव था, जिसकी जमीन का अधिग्रहण भी किया गया था। लेकिन 2017 में पर्यावरणीय मंजूरी न मिलने के कारण यह परियोजना रद्द कर दी गई।
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सौर ऊर्जा उत्पादन से न सिर्फ बिजली संकट को दूर किया जाएगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी यह परियोजना भूमिका निभाएगी। हर साल लगभग 12 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को रोका जा सकेगा। 4,000 एमटीपीए पानी की बचत होगी, जो दो लाख घरों की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। थर्मल पावर प्लांट की तुलना में यह परियोजना पूरी तरह ग्रीन और टिकाऊ ऊर्जा समाधान के रूप में काम करेगी।