दो अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर डिजाइन सुविधाओं का उद्घाटन
मई 2025 में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नोएडा और बेंगलुरु में दो अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर डिजाइन सुविधाओं का उद्घाटन किया। ये केंद्र एडवांस 3-नैनोमीटर चिप डिज़ाइन पर केंद्रित भारत के पहले केंद्र हैं, जो देश की सेमीकंडक्टर इनोवेशन जर्नी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होंगे।
स्टार्टअप तेजी के साथ आगे बढ़ रहे
मंत्रालय की डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना और इसके चिप्स टू स्टार्टअप (सीटूएस) कार्यक्रम के तहत सहायता प्राप्त स्टार्टअप महत्वपूर्ण रूप से तेजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
करोड़ों का उद्यम पूंजीगत (वीसी) निवेश प्राप्त
पिछले दिनों इलेक्ट्रानिक्स व आईटी मंत्रालय के अनुसार, स्मार्ट विजन, सीसीटीवी कैमरा और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसे एप्लीकेशन के लिए चिप्स बनाने वाली कंपनी नेत्रसेमी स्टार्टअप को सरकार की चिप डिजाइन योजना के तहत मिले सहयोग से 107 करोड़ रुपए का उद्यम पूंजीगत (वीसी) निवेश प्राप्त हुआ।
भारत में महत्वपूर्ण डिजाइन क्षमताएं निहित
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इस सफलता का स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि भारत में महत्वपूर्ण डिजाइन क्षमताएं निहित हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर मिशन द्वारा देश में डिजाइन को सहायता दिए जाने के साथ नेत्रसेमी की सफलता दूसरे भारतीय स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करेगी।
पांच स्टार्टअप पहले ही ग्लोबल परीक्षण कर चुके
मंत्रालय के अनुसार, 2022 में डीएलआई योजना के शुभारंभ के बाद से सरकार ने 22 कंपनियों से चिप डिजाइन परियोजनाओं के लिए 234 करोड़ रुपए की सहायता राशि देने की प्रतिबद्धता जताई थी, जिसकी कुल परियोजना लागत 690 करोड़ रुपए थी। इन स्टार्टअप्स ने मिलकर उद्यम पूंजीगत निवेशकों से 380 करोड़ रुपए से अधिक धन जुटाया है। इसके अलावा, पांच स्टार्टअप पहले ही ग्लोबल चिप मैन्युफैक्चरर्स के साथ अपने चिप डिजाइन का निर्माण और परीक्षण कर चुके हैं। केंद्र सरकार के अनुसार, 72 से अधिक कंपनियों को चिप्स डिजाइन करने में सहायता के लिए एडवांस सॉफ्टवेयर टूल्स तक पहुंच प्रदान की गई है।
भारत सेमीकंडक्टर का उत्पादन करने वाले 5 देशों में शामिल होगा
पिछले दिनों आईआईटी-हैदराबाद के 14वें दीक्षांत समारोह में केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि जिस तरह से हम सेमीकंडक्टर बनाने के लिए आवश्यक पूंजीगत उपकरण और सामग्री का निर्माण कर रहे हैं, उससे आने वाले वर्षों में भारत सेमीकंडक्टर का उत्पादन करने वाले शीर्ष 5 देशों में शामिल हो जाएगा।
एक मजबूत डिस्प्ले इको सिस्टम का निर्माण
भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) जैसे कार्यक्रमों का उद्देश्य एक मजबूत सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम का निर्माण करना है, जिससे भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन के लिए एक ग्लोबल हब के रूप में स्थापित किया जा सके।