सेंसेक्स के शेयरों का हाल
सेंसेक्स पैक के शेयरों की बात करें, तो सबसे अधिक तेजी टाटा मोटर्स में 3.24 फीसदी दर्ज हुई। इसके अलावा, जोमैटो, ट्रेंट, एसबीआई, अल्ट्राटेक सीमेंट, लार्सन एंड टुब्रो, अडानी पोर्ट्स, रिलायंस, एक्सिस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, सनफार्मा, एचडीएफसी बैंक, एचसीएल टेक, कोटक बैंक, एशियन पेंट, टाटा स्टील, आईटीसी, एनटीपीसी, बजाज फिनसर्व, एचयूएल, टीसीएस, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, टाइटन और पावरग्रिड के शेयर में तेजी दर्ज की गई। इससे इतर बीईएल, एयरटेल और मारुति के शेयर में गिरावट दर्ज की गई।
सरकारी बैंकों में सबसे अधिक तेजी
सेक्टोरल सूचकाकों की बात करें, तो सोमवार को सबसे अधिक बढ़त सरकारी बैंकों के शेयरों में 2.20 फीसदी दर्ज हुई है। इसके अलावा, निफ्टी रियल्टी में 1.80 फीसदी, निफ्टी हेल्थकेयर इंडेक्स में 1.06 फीसदी, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज एक्स-बैंक में 1.01 फीसदी, निफ्टी ऑटो में 0.99 फीसदी, निफ्टी एफएमसीजी ने 0.80 फीसदी, निफ्टी आईटी में 0.38 फीसदी, निफ्टी मेटल में 0.38 फीसदी, निफ्टी फार्मा में 0.85 फीसदी, निफ्टी प्राइवेट बैंक में 0.70 फीसदी, निफ्टी रियल्टी में 1.80 फीसदी, निफ्टी हेल्थकेयर इंडेक्स में 1.06 फीसदी, निफ्टी ऑयल एंड गैस में 0.59 फीसदी, निफ्टी मिडस्मॉल हेल्थकेयर में 0.83 फीसदी, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज एक्स-बैंक में 1.01 फीसदी और निफ्टी मिडस्मॉल फाइनेंशियल सर्विसेज में 1.05 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है। सिर्फ एक सूचकांक निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 0.77 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
क्यों आई बाजार में तेजी?
वैल्यू बाइंग: लगातार 6 हफ्ते तक गिरावट के बाद अब बाजार में वैल्यू बाइंग देखने को मिल रही है। पॉजिटिव वैश्विक रुख: सोमवार को अधिकांश एशियाई शेयर बाजारों में तेजी है। इससे भारतीय शेयर बाजार को भी सपोर्ट मिला है। अच्छे तिमाही नतीजे: एसबीआई के अच्छे तिमाही परिणाम के चलते सरकारी बैंकों के शेयरों में तेजी दर्ज की गई है। ग्रेसिम की अर्निंग्स भी उम्मीद से ज्यादा रही है, इससे शेयर में उछाल आया है।
क्रूड ऑयल की कीमतें: सोमवार को क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट आई है। निवेशक रूस और अमेरिका के बीच बातचीत का इंतजार कर रहे हैं। ब्रेंट क्रूड गिरकर 66.26 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। वहीं, WTI क्रूड गिरकर 63.49 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है।
मजबूत म्यूचुअल फंड आंकड़े: जुलाई महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में शुद्ध इनफ्लो 81 फीसदी बढ़कर 42,672 करोड़ रुपये दर्ज किया गया।