करपट गांव खाली, कोई हताहत नहीं
अधिकारियों ने बताया कि करपट गांव पर खतरे को देखते हुए वहां के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। फिलहाल किसी हताहत की सूचना नहीं है। स्थानीय निवासी रंजीत लाहौली ने बताया कि गानवी घाटी में करीब 10 बीघा कृषि भूमि पूरी तरह बर्बाद हो गई। जिला प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं, और प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान चल रहा है। कुल्लू जिले के कुर्पन खड्ड (जाओं) में भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जिसके चलते प्रशासन ने लोगों को नदी और बागीपुल-निरमंड के आसपास से दूर रहने की चेतावनी दी है।
कुल्लू में हाई अलर्ट
कुल्लू के उपायुक्त तोरूल एस रवीश ने बताया कि तीर्थन नदी में बादल फटने से बठाहड़ में बाढ़ आई, जिससे कुछ वाहन और दुकानें बह गईं। नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। जिले में तीन दिनों तक हाई अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने चंबा, कांगड़ा और मंडी में भारी बारिश की चेतावनी के साथ ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। शुक्रवार से रविवार तक चार से छह जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट भी जारी है।
2031 करोड़ का नुकसान, राहत कार्य तेज
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, बारिश के कारण औट-सैंज (NH-305) और खाब से ग्रामफू (NH-505) सहित दो राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हैं। मंडी में 179 और कुल्लू में 71 सड़कें प्रभावित हैं। 20 जून से शुरू हुए मानसून ने अब तक 2031 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है, जिसमें 126 लोगों की मौत और 36 लोग लापता हैं। इस दौरान 63 फ्लैश फ्लड, 31 बादल फटने और 57 बड़े भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं। मानसून की तबाही, जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित हिमाचल प्रदेश में मानसून की तबाही ने बुनियादी ढांचे और जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं, लेकिन दुर्गम क्षेत्रों में बचाव अभियान चुनौतीपूर्ण है। सरकार ने प्रभावितों के लिए तत्काल सहायता और पुनर्वास की घोषणा की है। मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।