SIP रही कारगर
रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लेक्सीकैप कैटेगरी में एकमुश्त निवेश पर एक वर्ष का औसत रिटर्न 4.3% है, जबकि फ्लेक्सीकैप एसआइपी का औसत रिटर्न 6% से अधिक रहा। फिजडम केशोध प्रमुख नीरव करकेरा ने कहा, बाजार में भारी उठापटक ने फंड मैनेजरों के लिए बेहतर निवेश के अवसर पैदा किए। साथ ही निवेशकों को रुपए की कॉस्ट एवरेजिंग का भी फायदा मिला।
गरीब राज्यों ने अमीरों को पीछे छोड़ा
गरीब माने जाने वाले राज्यों ने म्यूचुअल फंड निवेश में अमीर समझे जाने वाले कई राज्यों को पछाड़ दिया है। उत्तर प्रदेश ने 3.51 लाख करोड़ रुपए एयूएम के साथ तमिलनाडु (3.39 लाख करोड़ रुपए) को पीछे छोड़ दिया। राजस्थान 1.44 लाख करोड़ पर पहुंचकर तेलंगाना (1.28 लाख करोड़ रुपए) से आगे है। जबकि मध्य प्रदेश 1.15 लाख करोड़ रुपए एयूएम के साथ केरल के 93,000 करोड़ रुपए एयूएम से काफी आगे है। यह रुझान बताता है कि आर्थिक रूप से कम विकसित राज्यों में भी म्यूचुअल फंड की पकड़ मजबूत हो रही है। छोटे शहरों (बी30) यानी 30 बड़े शहरों से बाहर के शहरों से बड़े पैमाने पर निवेश आ रहा है, जिससे निवेश का भूगोल बदल रहा है।सही फंड कैसे चुनें
लक्ष्य तय करें: 5 साल से ज्यादा के लिए ग्रोथ- ओरिएंटेड इक्विटी फंड चुनें। 3-5 साल के लिए बैलेंस्ड या लार्ज- कैप फंड में निवेश ठीक है। जोखिम लेने की क्षमता: ज्यादा जोखिम ले सकते हैं तो मिडकैप या स्मॉलकैप फंड चुनें। कम जोखिम चाहते हैं तो लार्ज कैप या इंडेक्स फंड में निवेश करें।सही स्कीम का चयन जरूरी
इन्वेस्को इंडिया एएमसी के फंड मैनेजर आदित्य खेमानी ने कहा, “जिन निवेशकों ने पिछले एक सालमें शेयर बाजार में भारी उठापटक के बावजूद नियमित रूप से निवेश करने के लिए एसआइपी का रास्ता अपनाया, उन्हें अच्छा रिटर्न मिला है। म्यूचुअल फंड योजनाओं का चयन निवेशकों के रिटर्न का मुख्य निर्धारक रहा। आंकड़ों के मुताबिक, इक्विटी फंड्स की 250 योजनाओं में से 26 ने एक साल में 10% से अधिक का रिटर्न दिया। वहीं 20 योजनाएं ऐसी हैं, जिनका एक साल का रिटर्न निगेटिव है। इसलिए सही योजनाओं का चयन बहुत जरूरी हैं।