scriptInvestment Tips: गिरते बाजार में भी SIP ने दिया मुनाफा, आंकड़ों से समझिए निवेश की सही रणनीति | Mutual Fund Tips SIP gave profit even in falling market know right investment strategy | Patrika News
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Investment Tips: गिरते बाजार में भी SIP ने दिया मुनाफा, आंकड़ों से समझिए निवेश की सही रणनीति

Mutual Fund SIP Tips: हिंदी भाषी राज्यों से भी अब लोग जमकर एसआईपी कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश ने 3.51 लाख करोड़ रुपए एयूएम के साथ तमिलनाडु (3.39 लाख करोड़ रुपए) को पीछे छोड़ दिया। राजस्थान 1.44 लाख करोड़ पर पहुंचकर तेलंगाना (1.28 लाख करोड़ रुपए) से आगे है।

भारतAug 11, 2025 / 12:45 pm

Pawan Jayaswal

Mutual Fund Tips

गरीब माने जाने वाले राज्यों ने म्यूचुअल फंड निवेश में अमीर समझे जाने वाले कई राज्यों को पछाड़ दिया है। (PC: Gemini)

Investment Tips: पिछले एक साल में इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम्स में एसआइपी ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है। वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों के मुताबिक, इक्विटी कैटेगरीज की 50% से अधिक योजनाओं ने एक वर्ष की अवधि में एसआइपी निवेशकों को 5% से अधिक का रिटर्न दिया। जबकि इस दौरान सेंसेक्स-निफ्टी फ्लैट रहे। मिडकैप-स्मॉलकैप इंडेक्स में तो करीब 5% की गिरावट आई। यह इसलिए संभव हो सका कि उठापटक वाले दौर में एसआईपी से निवेशकों को एवरेजिंग का लाभ मिला। जबकि ज्यादातर एक्टिव इक्विटी योजनाओं में एकमुश्त निवेश करने से ज्यादा रिटर्न नहीं मिला।

SIP रही कारगर

रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लेक्सीकैप कैटेगरी में एकमुश्त निवेश पर एक वर्ष का औसत रिटर्न 4.3% है, जबकि फ्लेक्सीकैप एसआइपी का औसत रिटर्न 6% से अधिक रहा। फिजडम के
शोध प्रमुख नीरव करकेरा ने कहा, बाजार में भारी उठापटक ने फंड मैनेजरों के लिए बेहतर निवेश के अवसर पैदा किए। साथ ही निवेशकों को रुपए की कॉस्ट एवरेजिंग का भी फायदा मिला।
विशेषज्ञों ने कहा, एसआईपी का बेहतर प्रदर्शन खुदरा निवेशकों के लिए अच्छा संकेत है, क्योंकि ज्यादातर खुदरा निवेशकों ने सितंबर 2024 से फरवरी 2025 के दौरान बाजार में गिरावट के बावजूद अपना मासिक योगदान जारी रखा। मासिक एसआइपी निवेश 26,000 करोड़ रुपए के आसपास बना रहा।

गरीब राज्यों ने अमीरों को पीछे छोड़ा

गरीब माने जाने वाले राज्यों ने म्यूचुअल फंड निवेश में अमीर समझे जाने वाले कई राज्यों को पछाड़ दिया है। उत्तर प्रदेश ने 3.51 लाख करोड़ रुपए एयूएम के साथ तमिलनाडु (3.39 लाख करोड़ रुपए) को पीछे छोड़ दिया। राजस्थान 1.44 लाख करोड़ पर पहुंचकर तेलंगाना (1.28 लाख करोड़ रुपए) से आगे है। जबकि मध्य प्रदेश 1.15 लाख करोड़ रुपए एयूएम के साथ केरल के 93,000 करोड़ रुपए एयूएम से काफी आगे है। यह रुझान बताता है कि आर्थिक रूप से कम विकसित राज्यों में भी म्यूचुअल फंड की पकड़ मजबूत हो रही है। छोटे शहरों (बी30) यानी 30 बड़े शहरों से बाहर के शहरों से बड़े पैमाने पर निवेश आ रहा है, जिससे निवेश का भूगोल बदल रहा है।

सही फंड कैसे चुनें

लक्ष्य तय करें: 5 साल से ज्यादा के लिए ग्रोथ- ओरिएंटेड इक्विटी फंड चुनें। 3-5 साल के लिए बैलेंस्ड या लार्ज- कैप फंड में निवेश ठीक है।

जोखिम लेने की क्षमता: ज्यादा जोखिम ले सकते हैं तो मिडकैप या स्मॉलकैप फंड चुनें। कम जोखिम चाहते हैं तो लार्ज कैप या इंडेक्स फंड में निवेश करें।
फंड का रेकॉर्ड देखें: 5-10 साल का प्रदर्शन चेक करें। बेंचमार्क इंडेक्स और समान कैटेगरी के फंड से तुलना करें।

कंपनी की साख: अनुभवी फंड मैनेजर और भरोसेमंद एएमसी को प्राथमिकता दें।

खर्च अनुपात: कम एक्सपेंस रेश्यो वाला फंड चुने, ताकि कमाई में कटौती कम हो।
विविधता: इक्विटी फंड में अलग-अलग सेक्टर और अलग-अलग मार्केट कैप कंपनियों में निवेश हो।

सही स्कीम का चयन जरूरी

इन्वेस्को इंडिया एएमसी के फंड मैनेजर आदित्य खेमानी ने कहा, “जिन निवेशकों ने पिछले एक साल
में शेयर बाजार में भारी उठापटक के बावजूद नियमित रूप से निवेश करने के लिए एसआइपी का रास्ता अपनाया, उन्हें अच्छा रिटर्न मिला है। म्यूचुअल फंड योजनाओं का चयन निवेशकों के रिटर्न का मुख्य निर्धारक रहा। आंकड़ों के मुताबिक, इक्विटी फंड्स की 250 योजनाओं में से 26 ने एक साल में 10% से अधिक का रिटर्न दिया। वहीं 20 योजनाएं ऐसी हैं, जिनका एक साल का रिटर्न निगेटिव है। इसलिए सही योजनाओं का चयन बहुत जरूरी हैं।

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