बाढ़ में फंसी गर्भवती को जेसीबी से रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया
दुगारी गांव में आ रही बाढ़ में फंसी एक गर्भवती की जान सांसत में पड़ गई। प्रसव पीड़ा शुरू होती देख उसे पड़ोसियों ने जेसीबी से रेस्क्यू करवाकर प्रसव के लिए नैनवां उपजिला चिकित्सालय पहुंचाया। चिकित्सालय पहुंचते चिकित्सा कर्मियों ने गर्भवती को संभाला। कुछ मिनट बाद उसने बेटे को जन्म दिया।


नैनवां। जेसीबी में डालकर प्रसूता को बाढ़ से निकालकर लाते पड़ोसी।
नैनवां. दुगारी गांव में आ रही बाढ़ में फंसी एक गर्भवती की जान सांसत में पड़ गई। प्रसव पीड़ा शुरू होती देख उसे पड़ोसियों ने जेसीबी से रेस्क्यू करवाकर प्रसव के लिए नैनवां उपजिला चिकित्सालय पहुंचाया। चिकित्सालय पहुंचते चिकित्सा कर्मियों ने गर्भवती को संभाला। कुछ मिनट बाद उसने बेटे को जन्म दिया।
जानकारी के अनुसार दिव्यांग रामकिशन कहार परिवार साथ दुगारी में तेजाजी चौक में एक चबूतरे पर खुले में ही रहता है। रविवार सुबह उसकी गर्भवती पत्नी अनिता को प्रसव पीड़ा शुरू हुई।
चारों तरफ बाढ़ का पानी होने से अस्पताल नहीं ले जा पा रहे थे। अनिता को चबूतरे पर प्रसव पीड़ा से तड़पता देखकर पड़ोस की महिलाओं सीमा व संतोष ने उसे संभाला। दुगारी चिकित्सालय की एक नर्स को मौके पर बुलाया। उसने प्रसूता की जांच की। हालत गम्भीर होने से अनिता को चिकित्सालय ले जाने की सलाह दी। गांव में बाढ़ की स्थिति होने उसे चिकित्सालय पहुंचाना आसान नहीं था। पड़ोस के किशनगोपाल ङ्क्षसह, विपिनकुमार सैनी व वार्ड पंच भीमराज ने जेसीबी की व्यवस्था की। गर्भवती को जेसीबी में रखकर चार फीट पानी के अंदर से होकर नैनवां रोड पर पहुंचाया गया। वहां नैनवां चिकित्सालय से पहुंची एम्बुलेंस गर्भवती को उपजिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे। कुछ देर बाद गर्भवती ने बेटे को जन्म दिया। दोनों
स्वस्थ है।
बांध के पानी ने लोगों को घरों में किया कैद
दुगारी के कनकसागर बांध की चादर का पानी गांव में घुसने से रविवार को दूसरे दिन भी गांव में बाढ़ के हालात जस के तस बने हुए है। घरों में भरा पानी कम नहीं हो पाने से तीसरे दिन भी बाढ़ प्रभावित परिवारों को छतों पर ही शरण ले रखी है।गांव के मुख्य बाजार, गलियां व सभी रास्ते जलमग्न है, जिससे लोग घरों के बाहर नहीं निकल पा रहे।
चादर से निकल रहा पानी गलियों में तीन-तीन फीट बह रहा है। बांध पर चल रही सवा दो फीट की चादर का बहाव काफी तेज है। बहाव ने गांव को तीन भागों में बांट रखा है। बीमार लोगों को जेसीबी से पार करना पड़ रहा है। बांध की वेस्टवेयर गांव के बीच होने से यह हालात बने हुए है।
रियासतकालीन बांध की ऊंचाई तो दस $फीट है। लेकिन बांध का भराव क्षेत्र 72 वर्ग किमी में फैला हुआ है। जिले के सबसे ज्यादा भराव क्षेत्र के इस बांध के ओवरफ्लो पानी की निकासी के लिए गांव के दोनों और छोटा पारा व बड़े पारा पर वेस्टवेयर बनी हुई है। छोटे पारे की वेस्टवेयर का पानी गांव में होकर निकलता है, जिसने बाढ़ के हालात बना रखे है। बांध का कैचमेंट एरिया में बने जजावर के अन्नपूर्णा बांध, खोडी बांध, खानपुरा व ग्वाला तालाब के ओवरफ्लो का पानी भी दुगारी बांध में ही आता। चारों जलाशयों पर चादर चलने से बांध में लगातार पानी की आवक हो रही है।
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