1999 के कारगिल युद्ध का हिस्सा थे नाना पाटेकर, एक्टिंग से ब्रेक लेकर सैनिकों संग की थी देश की सेवा
Nana Patekar Part of Kargil War: भारत में इस समय पाकिस्तान की तरफ से मिसाइल छोड़ी जा रही है। लोगों के मन में युद्ध जैसे ख्याल आ रहे हैं अब इसी बीच हम आपको बताएंगे कि नाना पाटेकर ने साल 1999 में कैसे इंडस्ट्री को छोड़ कारगिल युद्ध में भाग लिया था।
Nana Patekar Part of Kargil War: नाना पाटेकर बॉलीवुड के एक ऐसे एक्टर हैं जो केवल फिल्मों में ही नहीं बल्कि असली युद्ध में शामिल हुए थे। उन्होंने खुद बड़ा खुलासा करते हुए बताया था कि वह 1999 कारगिल युद्ध के दौरान क्विक रिएक्शन टीम का हिस्सा रहे थे। नाना पाटेकर ने कारगिल युद्ध के लिए एक्टिंग भी छोड़ दी थी और सैनिकों के साथ रहे थे। नाना ने कहा कि जवान देश की सबसे बड़ी ताकत हैं और उनके लिए इतना करना बनता है।
नाना पाटेकर ने 1999 में लिया था कारगिल युद्ध में हिस्सा (Nana Patekar Part of 1999 Kargil War)
बता दें, नाना पाटकेर 46 साल से फिल्म इंडस्ट्री पर राज कर रहे हैं। इस बीच उन्होंने कई यादगार और दमदार किरदार निभाए हैं। रील लाइफ से हटकर रियल लाइफ में नाना पाटेकर ने भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दी थीं। अगस्त 1999 में, नाना को आधिकारिक तौर पर भारतीय सेना में मानद कैप्टन के रूप में नियुक्त किया गया था। वह द्रास, कुपवाड़ा, बारामुला, सोपोर और मुगलपुरा जैसे संघर्ष-ग्रस्त क्षेत्रों में तैनात थे। नाना पाटेकर उस टीम का हिस्सा थे जो नियंत्रण रेखा पर गश्ती से लेकर सैनिकों के हॉस्पिटल में सहायता देने का काम करते थे। नाना पाटेकर एक पखवाड़े तक सैनिकों के साथ रहे और उनके साथ एक जगह से दूसरी जगह जाते थे।
नाना पाटेकर ने बताया कैसे मिली थी युद्ध में जाने की अनुमति (Nana Patekar Permission granted CM George Fernandes)
नाना पाटेकर ने अमिताभ बच्चन के शो केबीसी में इस बारे में बात की थी। उन्होंने बताया, “जब मैंने पहली बार डिवीजन के वरिष्ठ अधिकारियों से युद्ध में शामिल होने की बात की तो उन्होंने मेरे अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और बताया कि केवल रक्षा मंत्री ही इसे मंजूरी दे सकते हैं।” नाना पाटेकर ने आगे कहा, “मैं उस समय हमारे रक्षा मंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडीस जी को जानता था, इसलिए मैंने उन्हें फोन किया और उन्होंने भी कहा कि यह नहीं हो सकता। मैंने उनसे कहा कि भले ही कमीशन के लिए छह महीने का प्रशिक्षण होता है, लेकिन मैंने तीन साल तक प्रशिक्षण लिया है और वह यह सुनकर आश्चर्यचकित हो गए और मुझसे इसके बारे में पूछने लगे। मैंने उन्हें बताया कि फिल्म “प्रहार” के लिए मैंने मराठा लाइट इन्फेंट्री के साथ गहन प्रशिक्षण लिया था। मराठा लाइट इन्फेंट्री के साथ मेरे अनुभव को जानने के बाद, उन्होंने मुझसे पूछा, ‘तुम कब जाना चाहते हो?’
नाना पाटेकर का युद्ध के दौरान हुआ था वजन कम
विशेष अनुमति के बाद, नाना पाटेकर अगस्त 1999 में अग्रिम मोर्चे पर गए। दो सप्ताह से अधिक समय तक, उन्होंने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास सैनिकों के साथ मिलकर काम भी किया। उन्होंने बताया कि जब मैं श्रीनगर पहुंचा तो मेरा वजन 76 किलो था। जब मैं वापस आया, तब तक मेरा वजन 56 किलो हो गया था।” इसके बाद नाना पाटेकर ने फिल्म इंडस्ट्री में वापसी की और बॉलीवुड को कई फिल्में भी दीं।