नगर निगम के प्रतिपक्ष नेता भरत कश्यप जरहाभाठा स्थित वार्ड 19 के पार्षद हैं, जहां बड़ी संख्या में कॉलोनियां हैं। यहां जतिया तालाब नाला को बंद करवा दिया गया। इससे पारिजात, स्वर्ण जयंती नगर, नेहरू नगर, शांति नगर, पत्रकार कॉलोनी सहित कई हिस्सों में 2 फुट तक पानी भर गया। इससे कॉलोनी निवासियों के घरों के अंदर तक पानी घुस गया और उनको नुकसान हुआ है। इस क्षेत्र में घर के बाहर रखीं कई कारों और बाइक के अंदर और इंजन में पानी भर गया जिससे वे खराब हो गईं।
स्वर्ण जयंती नगर में पानी भरने से करंट ने ली जान, कार्रवाई की मांग
बारिश पानी भरने से घर में करंट आने के कारण वार्ड के स्वर्णजयंती नगर निवासी रिटायर्ड प्रोफेसर आलोक दीक्षित की मौत हो गई। लोगों ने इसके लिए जिमेदारों पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कराने की मांग की है। विधायक अमर अग्रवाल से विरोध जताते हुए इस विषय पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग करते हुए पत्र सौंपा गया है। जिला कांग्रेस कमेटी से भी विरोध दर्ज कराते हुए मांग की गई है कि नेता प्रतिपक्ष पर तत्काल कार्रवाई करें। नगर निगम आयुक्त से तत्काल ठोस निर्णय करते हुए दोषी वार्ड पार्षद और जतिया तालाब में नियुक्त कर्मचारियों के विरुद्ध तुरंत कार्रवाई करने की मांग की गई है।
घनघनाते रहे फोन
रात भर कॉलोनीवासी पार्षद भरत कश्यप, आयुक्त नगर निगम सहित आला अधिकारियों को फोन लगाते रहे पर किसी ने भी फोन नहीं उठाया। रात लगभग 3.30 बजे महापौर ने पूजा विधानी ने फोन उठाया और बताया कि वे दिल्ली में हैं, लेकिन संबंधित को फोन लगा रहीं हैं। सुबह जब कॉलोनीवासी में जतिया तालाब गए तो कर्मचारियों ने बताया कि पार्षद ने तालाब में पानी भरवाने के नाम पर नाले के गेट को बंद करा दिया था जिसके कारण कालोनी में पानी भरा।
विरोध के बाद नाला खोला, सुबह पानी निकाला गया
पार्षद से बात करने पर उन्होंने स्वीकारा कि जतिया तालाब में पानी डायवर्ट कराने के लिए नाले को बंद कराया। लोगों के विरोध के बाद नाला खुलने से सुबह पानी निकला। न उन्होंने क्षेत्र में जाकर समस्या जानने की कोशिश की और न ही सड़कों पर जमा गंदगी और कीचड़ को साफ कराया।
पानी में डूबे खुले ट्रांसफार्मर बने खतरा
पत्रकार कॉलोनी, स्वर्ण जयंती नगर वार्ड 19 कस्तूरबा नगर क्षेत्र में जमीन से लगे खुले ट्रांसफार्मरों में बारिश का पानी घुस गया। कॉलोनीवासियों ने बताया कि 2-2 ट्रांसफार्मर पत्रकार कॉलोनी और स्वर्ण जयंती नगर में खुले हैं। कई बार विद्युत विभाग को शिकायत देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।