scriptऑपरेशन सिंदूर: राजस्थान में यहां भारतीय सीमा में 20 KM अंदर तक सुनाई दी थी धमाकों की गूंज, ग्रामीणों ने बताई ऐसी बात | The sons of the border said we are ready, if the country calls we will sacrifice our lives | Patrika News
बीकानेर

ऑपरेशन सिंदूर: राजस्थान में यहां भारतीय सीमा में 20 KM अंदर तक सुनाई दी थी धमाकों की गूंज, ग्रामीणों ने बताई ऐसी बात

भारत-पाकिस्तान सीमा से ग्राउंड रिपोर्ट: सरहद के सपूत बोले…हम भी तैयार हैं, देश पुकारे तो जान हाज़िर। बॉर्डर से कुछ दूरी पर धोरों के बीच एक सैन्य बंकर के पास कुछ बच्चे दिखे। पास गए, तो उनका जज्बा देख कर गर्व से सीना चौड़ा हो गया।

बीकानेरMay 08, 2025 / 02:02 pm

dinesh kumar swami

दिनेश स्वामी, भागीरथ ज्याणी, रितेश यादव @ बीकानेर. खाजूवाला. बज्जू. पश्चिमी सीमा से सटे खाजूवाला, बज्जू क्षेत्र के गांवों में मंगलवार देर रात सीमापार गूंजी धमाकों की आवाज साफ सुनाई दी। ग्रामीणों के लिए तो जैसे यह पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने का सायरन था। बुधवार सुबह जब पत्रिका टीम सीमावर्ती क्षेत्र में पहुंची, तो ग्रामीणों के चेहरे खुशी से दमक रहे थे। सीमापार आतंकियों के ठिकानों पर भारतीय प्रतिकार का भान सबसे पहले देश की सीमाओं के इन्हीं पहरेदार ग्रामीणों को हुआ।
पाकिस्तान का बहावलपुर इस क्षेत्र से करीब 80 किमी ही दूर है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत विस्फोटकों की गूंज भारतीय सीमा में करीब 20 किमी अंदर तक सुनाई पड़ रही थी। आसमान में रोशनी सी चमक रही थी। सीमावर्ती गांव आनंदगढ़, अलाद्दीन, 30, 33 व 34 केवाईडी, कालूवाला के ग्रामीण घरों से बाहर निकल आए। और पूरी रात जश्न मनाया। सुबह बोले- पाकिस्तान के साथ जंग हुई, तो वह सेना के सारथी बनकर लड़ेंगे।
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नहीं दिखा डर, था तो बस गर्व

फतुवाला, रणजीतपुरा, गोडू जैसे गांवों में रहने वाले ग्रामीणों का कहना था कि बॉर्डर के पास हैं। इसका जरा भी डर नहीं है। युद्ध होता है तो सेना की मदद करने में उन्हें गर्व होगा। फतुवाला की चौगान खेजड़ी के गट्टे पर बैठे बज्जू प्रधान भागीरथ तेतरवाल बताते हैं कि ग्रामीणों को खुद और सेना पर पूरा भरोसा है। इसी लिए बीती रात भी डर नहीं, सिर्फ गर्व रहा।

सैन्य बंकरों के पहरेदार बच्चे

बॉर्डर से कुछ दूरी पर धोरों के बीच एक सैन्य बंकर के पास कुछ बच्चे दिखे। पास गए, तो उनका जज्बा देख कर गर्व से सीना चौड़ा हो गया। 12-13 साल के बच्चे बुधवार को स्कूलों में छुट्टी कर देने पर यहां बंकर संभालने आ गए। कहा कि पाकिस्तान हमला करने की धमकी देता है। हाथ में लिया डंडा दिखाते बोले, इधर कोई आ गया तो पीट कर भगा देंगे। लोहे की मोटी चद्दर के बने बंकर की बच्चों ने साफ सफाई भी कर रखी थी।

बुजुर्गों के हौसलों की कहानी..

फतुवाला में एक पेड़ के नीचे बैठे 82 वर्षीय शिवनाथराम बिश्नोई 1965 और 1971 के युद्ध के किस्से सुनाकर युवाओं में जोश भर रहे थे। बोले- उस समय सेना के जवानों के लिए घरों से दूध, दही, मक्खन बर्तनों में लेकर मोर्चों तक जाते थे।
कुओं से पानी लाना और ऊंट से सैनिकों तक सामान पहुंचाते थे। ग्रामीण पांचाराम, सुखराम सेठ, जीवनराम मांझू, जोराराम बोले, युद्ध में रेत के धोरों में गाइड की तरह भारतीय सेना की मदद की। अब भी तैयार हैं।

सामाजिक संगठनों की टीम सक्रिय

बीकानेर में जिला प्रशासन के अधिकारी और नागरिक सुरक्षा की टीम लोगों को मॉक ड्रिल के माध्यम से बुधवार को ट्रेनिंग देने में लगी रही। सीमावर्ती गांवों में सीमा जन कल्याण समिति सहित कई संगठन सक्रिय मिले। खाजूवाला क्षेत्र में तो स्वयंसेवक मंगलवार रात से ही ग्रामीणों को सिविल डिफेंस, ब्लैकआउट और आपातस्थिति में बचाव के बारे में बता रहे हैं।

स्वास्थ्य मोर्चा भी तैयार, युद्धकाल जैसी सतर्कता

बीकानेर. सीमा पर गर्जना के साथ चले ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब देश के भीतर भी हर मोर्चे पर तैयारियां तेज़ कर दी गई हैं। संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल को आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क और सक्रिय कर दिया गया है। युद्धकालीन आपात स्थितियों के संभावित प्रभाव को देखते हुए मंगलवार रात से ही चिकित्सा प्रशासन अलर्ट मोड में है।

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