हां, कटाई के आंकड़े जरूर है। तभी तो ये पता चलता है कि, 32 फीसदी से घटकर शहर का ग्रीन कवर महज 3 प्रतिशत रह गया है। टीटी, कोलार, होशंगाबाद रोड और एयरपोर्ट की ओर हरियाली सबसे ज्यादा तेजी से घटी है।
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हालांकि, अब भी प्रदेश के बाकी हिस्सों के मुकाबले भोपाल हरा-भरा है। लेकिन, पेड़ों की कटाई के मामले में भी ये शहर सबसे आगे है। पिछले 10 सालों में विकास परियोजनाओं में 6 लाख पेड़ों को काटा गया है। इस बीच पौधरोपण तो हुआ, लेकिन कितने पौधे जिंदा हैं इसकी रिपोर्ट किसी महकमें के पास नहीं है।
और ये हैं आंकड़े
वन विभाग: 23,44,940 पौधे नगर निगम: 5,00,000 पौधे पर्यावरण वानिकी: 1,87,000 पौधे शहर में ट्री ऑडिट नहीं हुआ। ऐसे में पेड़ों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं है। पिछले तीन साल में शहर में 20 लाख पौधे रोपे जा चुके हैं। पिछले साल 12 लाख पौधे रोपे गए। इस साल 4 लाख का लक्ष्य है। इनके बढ़ने के प्रतिशत का आंकलन नहीं हुआ है। यह भी पढ़ें- मंत्री विजय शाह केस की SIT से जुड़े अफसर समेत एमपी में 8 IPS अधिकारियों के तबादले विभागों का दावा
वन विभाग, नगर निगम और पर्यावरण वानिकी का दावा है कि, बीते पांच साल के दौरान उन्होंने भोपाल जिले में 30 लाख से ज्यादा पौधे रोपे हैं। लेकिन, मौजूदा समय में जिंदा कितने हैं, इसपर कोई जानकारी नहीं है।
देखरेख पर 70 लाख खर्च
पेड़ों की देखरेख पर हर साल 70 लाख रुपए खर्च भी किए जा रहे हैं। ये सिर्फ उन स्थानों का खर्च है, जो शहरी क्षेत्र में आते हैं। यह भी जानिए
-औसतन 60 हजार आबादी का हर साल इजाफा हो रहा है और ऑक्सीजन के लिए एक व्यक्ति को तीन पेड़ चाहिए। -लेकिन राजधानी में 10 साल के दौरान काटे जा चुके हैं। 6 लाख पेड़। -अब एनजीटी की सती, बनाई हाईपावर कमेटी
‘वन विभाग कर रहा लगातार काम’
जिला वन अधिकारी लोक प्रिय भारती का कहना है कि, हरियाली को बचाने के लिए वन विभाग काम कर रहा है। पौधे लगाने से लेकर उनके संरक्षण की दिशा में काम हुआ है। इससे शाहपुरा में हरियाली काफी बढ़ी है।