खास बात यह है कि इसमें भाजपा विधायक पन्नालाल शाक्य की जिद को नजरअंदाज कर दिया गया है। वे समीप के गांव हरिपुर को नगर निगम सीमा में शामिल कराना चाहते थे, लेकिन प्रस्तावित नक्शे में हरिपुर को शामिल नहीं किया गया है। इसकी बजाय हिलगना पंचायत के तहत हरीपुरा गांव को नगर निगम में लाने का प्रस्ताव है।
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पिछली जनगणना (2011) के अनुसार प्रस्तावित क्षेत्र में स्थित 32 ग्रामों की जनसंया 43 हजार 661 है। जनसंया में 2.5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के अनुसार वर्तमान में आंकलित जनसंया 60187 है। नगरपालिका क्षेत्र की आबादी को इसमें जोड़ लिया जाए यह जनसंया चार लाख से अधिक हो जाएगी।
इस तरह आबादी और क्षेत्रफल के हिसाब से गुना नगर पालिका अब नगर निगम बनने की पात्रता रखती है। नगर निगम बनाए जाने संबंधी प्रस्ताव भेज दिया है। नगर निगम सीमा में जो गांव शामिल होंगे, उनका विकास भी तेजी से होगा। नगर निगम बनने के बाद विकास के लिए पैसा भी काफी आएगा। अगली कार्रवाई के बारे में अंतिम निर्णय राज्य शासन का लेना है।
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- संबंधित ग्राम पंचायत संकल्प पारित करेंगी
- दावे-आपत्तियां बुलाई जाएंगी
- प्रस्ताव कैबिनेट में जाएगा
- राज्यपाल की अनुमति के बाद गजट नोटिफिकेशन होगा
इन गांवों को नगर निगम सीमा क्षेत्र में जोड़ने का प्रस्ताव
इन गांवों को नगरनिगम में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया है- खेजरा, पीताखेड़ी, बजरंगगढ़, विनायक खेड़ी, मुहालपुर, सौंजना, हिलगना, शाहपुर, हीरापुर, गादेर, बमौरी बुजुर्ग, माधौपुर, महाराजपुरा, पुरापोसर, सुमेर, गणेशपुरा, भावपुर, सिंघाड़ी, ढोलबाज, बरोदिया खुर्द, पिपरिया, बिलौनिया, कुड़ी मंगवार, पिपरौदा खुर्द, सिंगवासा, सकतपुर, चकदेव पुर, बरखेड़ा गिर्द, सोठी, मावन, गढ़ला गिर्द, देवरी डांग, गुना, खेजरा, बजरंगगढ़, आनंदपुर, जेता डोंगर, बरखेड़ा गिर्द, गिद खोह और दुहवाड़।